कुदरत को सहेजना आज की जरूरत 
बाड़मेर।
पर्यावरण सुधार के प्रति हमारी अनिच्छा ने स्थितियों को विस्फ ोटक बना दिया है। जलवायु परिवर्तन, बढ़ता शहरीकरण व विष युक्त खेती ने इस समस्या को और भी गंभीर बना दिया है। मानव पर्यावरण में वायु, जल, भूमि, विभिन्न प्रकार की वनस्पतियां एवं जीव जंतु प्रमुख घटक माने गए हैं। हमारे देश में इन सभी घटकों की हालत बिगड़ चुकी है एवं सभी में प्रदूषण का जहर फैल गया है। यह कहना है समाजसेवी डालूराम चौधरी का। चौधरी ने यह बात भीमडा में सीसीडीयू और जन स्वास्थ्य एवं अभियांत्रिकी विभाग के सयुक्त तत्वाधान में आयोजित जागरूकता कार्यकर्म में कही । उन्होंने कहा कि पर्यावरण एवं वन सूत्रों द्वारा जारी रिपोर्ट स्टेट आफ एनवायरमेंट में भी यही बताया गया है कि देश की 15 करोड़ हेक्टर भूमि में से लगभग 45 प्रतिशत भूमि अम्लीयता, जलश्राव, खारेपन एवं प्रदूषण के कारण बेकार हो गई है। कृषि भूमि के क्षेत्र का घटना एवं उत्पादकता कम होना भविष्य में खाद्यान्न उत्पादन के लिए खतरनाक है।
सीसीडीयू के आईईसी कंसलटेंट अशोकसिंह राजपुरोहित ने बताया कि भीमड़ा गायत्री उच्च माद्यमिक विद्यालय में सीसीडीयू और जन स्वास्थ्य एवं अभियांत्रिकी विभाग की तरफ भीमडा गाव में चेतना रैली और जल बचत की शपथ कार्यक्रम का आयोजन किया गया रैली ने जहा गाँव के कई इलाको में घूम कर लोगों को जल बचाने का संदेश दिया। वही दूसरी तरफ रास्ते में चलते हुए पॉलीथिन का उपयोग करने वालो को इससे दूर रहने कि शपथ दिलाई। इससे पूर्व विद्यालय में बच्चों को संबोधित करते हुई विधालय प्रमुख ने कहा कि भूमिगत जल का अवैध दोहन व बिना जरूरत के व्यर्थ बहाना मानव जाति को मंहगा साबित हो सकता है। जल का दुरूपयोग नही रोका गया तथा जल संरक्षण के उपायों पर अमल नही किया गया तो एक-एक बूंद के लिए भटकना पड़ेगा। इसलिए हम सब को जल संरक्षण करना चाहिये ताकि भविष्य में जल संकट का सामना न करना पड़े। इस रेली के आयोजन के बाद विधालयी विधार्थियो और ग्रामीणों को प्रोमिस फॉर फ्यूचर अभियान के तहत जल संरक्षण की शपथ दिलाई गई।

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