कांग्रेस के वरिष्ठ नेता परसराम मदेरणा का निधन
जयपुर। 
वरिष्ठ कांग्रेसी नेता और राजस्थान विधानसभा के पूर्व अध्यक्ष परसराम मदेरणा का रविवार को निधन हो गया। जयपुर के एसएमएस अस्पताल में उन्होंने आखिरी सांस ली। मदेरणा काफी वक्त से बीमार चल रहे थे। 
एसएमएस अस्पताल के अस्पताल अधीक्षक वीरेन्द्र सिंह ने बताया कि 92 साल के मदेरणा ने रविवार सुबह 6 बजे आखिरी सांस ली। पेट और पैरों में सूजन की शिकायत के बाद उन्हें एसएमएस अस्पताल में भर्ती कराया गया था। मदेरणा डायबिटीज और अस्थिसंधिशोथ जैसी बीमारियों से ग्रसित थे। 
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता परसराम मदेरणा का निधनपरसराम मदेरणा भंवरी हत्यकांड में आरोपी और पूर्व मंत्री महिपाल मदेरणा के पिता थे। अपने पिता की देखभाल के लिए 12 फरवरी को कोर्ट ने महिपाल मदेरणा को अंतरिम जमानत दी थी। परसराम मदेरणा का जन्म 23 जुलाई 1926 को हुआ था। उन्होंने स्कूली पढ़ाई अपने गांव और जोधपुर से की। एमए और एलएलबी की डिग्री उन्होंने लखनऊ यूनिवर्सिटी से ली। 

मारवाड़ किसान सभा के साथ शुरू किया राजनीतिक करियर
लखनऊ में अपनी पढ़ाई पूरी करने के बाद परसराम मदेरणा राजस्थान लौटे। यहां पर वह बलदेव राम मिर्धा के साथ पहले मारवाड़ किसान सभा और फिर राजस्थान किसान सभा में शामिल हो गए। राजस्थान किसान सभा के कांग्रेस में शामिल हो जाने के बाद वह भी कांग्रेस में शामिल हो गए। 

तय किया सरपंच से विधानसभा स्पीकर तक का सफर 
वर्ष 1953 में उन्हें चड़ी गांव का सरपंच चुना गया। वह नौ बार राजस्थान विधानसभा के विधायक चुने गए। अपने 40 वर्ष से भी अधिक लंबे राजनीतिक जीवनकाल में वह राजस्थान सरकार के प्रशासन, रेवेन्यू, पंचायत राज, कॉपरेटिव, फोरेस्ट, कॉलोनाइजेशन, कृषि, ऊर्जा विभाग समेत विभिन्न मंत्रालयों में मंत्री रहे।

परसराम मदेरणा वर्ष 1957 से 2003 तक 9 बार विधायक चुने गए। उनका राजनीतिक जीवन जोधपुर के चढ़ी गांव के सरपंच के रूप में शुरू हुआ और मदेरणा 2004 में राजस्थान विधानसभा के स्पीकर बने।

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