पशु रोगों की त्वरित जांच के लिये सात चल प्रयोगशाला वाहन रवाना

जयपुर, 24 जनवरी। पशु रोगों की त्वरित पहचान के लिये पशुपालकों को उनके क्षेत्र में ही आवश्यक जांच सुविधाएं नि:शुल्क उपलब्ध करवाई जाएंगी। कृषि एवं पशुपालन मंत्री प्रभुलाल सैनी ने राज्य के समस्त सम्भाग मुख्यालयों पर सात चल प्रयोगशाला वाहनों को शुक्रवार को हरी झंडी दिखाकर पशुपालन निदेशालय से सम्भाग मुख्यालयों के लिए रवाना किया।
सैनी ने कहा कि इन चल प्रयोगशालाओं के संचालन से पशु रोगों की तुरन्त पहचान कर बीमार पशु का इलाज हो सकेगा जिससे पशुओं में अचानक फैलने वाले रोगों के प्रभावी नियंत्रण से पशुपालक लाभान्वित हो सकेंगे।
सैनी ने कहा कि पशुधन से समृद्घ इस प्रदेश में मानव व पशुधन का अनुपात लगभग बराबर है। राष्ट्रीय कृषि विकास आयोग की रिपोर्ट अनुसार 5000 पशु इकाई पर एक पशु चिकित्सा संस्था होनी चाहिये लेकिन राज्य में अभी 15000 पशु इकाई पर एक पशु चिकित्सा संस्था कार्यरत है तथा राज्य की सकल घरेलू उत्पाद (जी.डी.पी.) में 9 प्रतिशत योगदान पशुपालन से है। उन्होंने कहा कि प्रदेश के ग्रामीण एवं दूरदराज इलाकों के ग्रामीण पशुपालकों को विभागीय सुविधाओं का अधिकाधिक लाभ मिले इसके लिये राज्य के समस्त तहसील मुख्यालयों पर संचालित पशुधन आरोग्य चल चिकित्सा इकाइयों का विस्तार कर पंचायत मुख्यालयों तक यह सेवाएं उपलब्ध कराने के प्रयास किए जाएंगे।
पशुपालन सचिव अभय कुमार ने विभागीय अधिकारियों की बैठक में कहा कि प्रदेश में पशुधन विकास के लिए संचालित नीतियों एवं कार्यक्रमों से अधिकाधिक पशुपालकों को लाभान्वित करने के प्रयास किए जाएं। उन्होंने सभी विभागीय अधिकारियों को इसके निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि 60 दिवसीय कार्य योजना के लक्ष्यों की पूर्ति समय पर सुनिश्चित की जाए।
पशुपालन विभाग के निदेशक, डॉ. राजेश मान ने बताया कि ''चल प्रयोग शालाएंÓÓ पशुपालन विभाग के जयपुर, भरतपुर, जोधपुर, बीकानेर, अजमेर, कोटा, और उदयपुर सम्भाग के क्षेत्रीय रोग निदान केन्द्रों में तैनात रहेंगी। उन्होंने बताया कि इन चल प्रयोगशालाओं मे पशु रोगों से सम्बन्धित विभिन्न प्रकार की जांचें नि:शुल्क उपलब्ध होगी। इन प्रयोगशाला वाहनों में पशु रोगों की पहचान व जांच के लिए अत्याधुनिक उपकरण स्थापित कर राज्य के दूरस्थ क्षेत्रों में पशु रोगों की सूचना मिलते ही त्वरित जांच प्रक्रिया आरंभ की जा सकेगी जिससे पशुओं में होने वाले रोगों पर अंकुश लग सकेगा।
डॉ. मान ने बताया कि पशुधन आरोग्य महाभियान के अन्तर्गत 25 जनवरी को 6500 पशु चिकित्सा शिविरों का आयोजन बारिश व शीत हवाओं के चलते स्थगित किया गया है। मौसम के साफ होने पर शीघ्र ही आगामी तिथि की घोषणा की जाएगी।
इस अवसर पर राजस्थान पशु चिकित्सा एवं पशु विज्ञान विश्वविद्यालय बीकानेर के कुलपति डॉ.ए.के.गहलोत और मत्स्य विभाग के निदेशक श्री अजय सिंह सहित विभागीय अधिकारी व कर्मचारी उपस्थित थे।

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