जुरासिक काल का अध्ययन करने आई टीम को जैसलमेर में मिल रहे है रोचक तथ्य 

जैसलमेर
स्वर्णनगरी में जुरासिक काल के अध्ययन के लिए आए वैज्ञानिकों के दल को सोमवार को कुलधरा व आसपास के क्षेत्र में कई तरह के समुद्री जीवों को जीवाश्म मिले। वैज्ञानिकों ने सोमवार को काहला, कुलधरा, जाजिया क्षेत्र का भू वैज्ञानिक भ्रमण कर यहां की स्थिति व पहाडिय़ों का अध्ययन किया। वैज्ञानिकों को जैसलमेर में समुद्री वातावरण के बनने व उसके समाप्त होने के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी हासिल हुई है। दल ने भ्रमण किए गए क्षेत्रों से बड़ी मात्रा में जीवाश्म भी मिले जो आगामी अध्ययन में काम आएंगे। 
कुलधरा के पास गहरा था समुद्र 
फिल्ड विजिट के परिणामों के बारे में दल के मुखिया व राजस्थान विश्वविद्यालय के प्रोफेसर डॉ. डीके पांडे ने बताया की जैसलमेर बेसिन में स्थित समुद्र कुलधरा गांव के आसपास सर्वाधिक गहरा था। जिसके कारण से यहां कई तरह के समुद्री जीवों के जीवाश्म मिलते है। यहां के पत्थरों से जैसलमेर बेसिन में जमा हुए अलग अलग कालक्रम के पत्थरों से समय काल को समझने में आसानी होती है। दल के वैज्ञानिकों को जुरासिक काल के बाद यहां नदी बहने के भी प्रमाण मिले है। भू वैज्ञानिक कालक्रम के क्रिमिडियन काल 6 हजार150 मिलियन साल पहले समुद्र पीछे जाना शुरू हुआ था तथा नदियों का बहना शुरू हुआ था। वैज्ञानिकों ने सोमवार को भी जुरासिक काल के दौरान के सरीसृप वर्ग के जीवों को इस भाग में खोजने के प्रयास किए लेकिन उन्हें इस बारे मे सफ लता नहीं मिली। फ ील्ड कार्य में वैज्ञानिकों को जैसलमेर के पुरा वातावरण को जानने के संबंध में काफी जानकारियां मिली है। मंगलवार वैज्ञानिक कालेडूंगर क्षेत्र का भ्रमण करेंगे। भूजल वैज्ञानिक नारायणदास इणखियां द्वारा भी सर्वे के दौरान टीम का सहयोग किया जा रहा है।

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