गच्छाधिपति आचार्य भगवंत श्री विजय पुण्यपाल सूरीश्वरजी म.सा. का धवल सेना के साथ बाड़मेर नगर में भव्य प्रवेश
बाड़मेर
तपागच्छ के 1500 मुनि भगवंतों के गच्छ नायक गच्छाधिपति आचार्य भगवंत श्री विजय पुण्यपाल सूरीश्वरजी ने 60 गुरू भगवंतों के साथ आज दिनांक 25.01.2014 को प्रातः 9 बजे बाड़मेर नगर में भव्य प्रवेश किया। जैन भोजनशाला स्टेशन रोड़ से सामैया के साथ गाजे-बाजे बैण्ड की मधुर धुन के साथ शोभायात्रा सैकड़ों धर्मावलम्बियों के साथ गांधी चैक, सदर बाजार, लक्ष्मी बाजार होते हुए गुणसागर सूरि साधना भवन पहुंची जहां पर धर्मसभा में परिवर्तित हो गई। गच्छाधिपति के साथ आचार्य भगवंत श्रीमद् विजय महाबल सूरीश्वरजी, आचार्य भगवंत भव्य भूषण सूरीश्वजी, आचार्य भगवंत भुवन भूषण सूरीश्वरजी, आचार्य भगवंत वज्र भूषणजी म.सा. एवं करीब 60 मुनि भगवंत एवं साध्वीजी भगवंतों ने प्रवेश किया।
गच्छाधिपति के मंगलाचरण से धर्मसभा की शुरूआत की गई। सर्वप्रथम भंवरलाल पड़ाईया एवं कुमारी निकिता सिंघवी ने स्वागत गीत प्रस्तुत किया। इसके बाद पवन संखलेचा ने आचार्य श्री रामचन्द्र सूरी के जीवन चरित्र पर कविता पाठ किया।
तत्पश्चात् जैन श्री संघ के अध्यक्ष नैनमल भंसाली ने बाड़मेर पधारे गच्छाधिपति, पांचों आचार्य भगवंतों एवं मुनि भगवंतों एवं साध्वीजी भगवंतों का बाड़मेर पधारने वं तीन दिन के प्रवास के लिये हार्दिक स्वागत एवं अभिनन्दन किया और कहा कि बाड़मेर नगर में पुण्यात्माओं के प्रवेश से बाड़मेर नगरी पवित्र हुई है तथा इस ज्ञान गंगा का अधिक से अधिक लाभ हमें लेना चाहिए।
इस पुनीत अवसर पर बाड़मेर विधायक मेवाराम जैन के पुनः विधायक बनने पर जैन श्री संघ की ओर से तिलक, साफा, माला, शाॅल एवं श्रीफल से भावभीना स्वागत किया गया। उन्हें जिन शासन एवं समाज में पूर्व की भांति और अधिक भाव से सेवा करने का अध्यक्ष द्वारा निवेदन किया गया। विधायक जैन ने भी सच्चे मन से समाज एवं जिन शासन की सेवा करने को समर्पित रहने का आश्वासन देते हुए जैन एकता को बनाये रखने की अपील की।
आचार्य भगवंतों की सेवा में रहने वाले चेन्नई-फलोदी निवासी सचिन सिंघवी एवं अभय भाई का भी चातुर्मास करवाने, संघ निकालने, उपधान कराने एवं सतत् सेवा में रत रहने पर श्री संघ द्वारा सम्मान किया गया। पारसमल सिंघवी ने आचार्य भगवंत का जीवन परिचय दिया।
आचार्य भगवंत भव्य भूषण सूरीश्वरजी म.सा. ने अपने सम्बोधन में सही अर्थों में जैन बनने की बात कही। गच्छाधिपति विजय पुण्यपाल सूरीश्वरजी ने मंदिर जाने, पूजा करने एवं बारह व्रत का पालन करने की बात कहते हुए इसे चरितार्थ करने की बात कही। कार्यक्रम का संचालन संघ के महामंत्री किशनलाल वडेरा ने किया एवं अंत में सभी का आभार व्यक्त किया।
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