"टेट" की परीक्षा के संबंध में बनी समिति
जयपुर।
राजे ने शिक्षा के सभी स्तरों पर शिक्षा में गुणवत्ता बनाए रखने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि इसके लिए कारगर कदम उठाए जाएं ताकि विद्यार्थियों में शिक्षा का स्तर बढ़ सके। उन्होंने देववाणी संस्कृत भाषा को समुचित प्रोत्साहन देने के निर्देश भी दिए। उन्होंने शिक्षा के क्षेत्र में बेहतर लक्ष्य प्राप्त करने की दिशा में राज्य सरकार की मंशा अनुसार 60 दिन की कार्य योजना तथा आगामी पांच वर्षों की योजना पर प्रस्तुतीकरण का अवलोकन किया।
राजे ने गुणवत्ता के साथ बालिका शिक्षा पर विशेष ध्यान देने के निर्देश दिए। बैठक में शिक्षकों की भर्ती शीघ्र हो सके इसके लिए टेट की समीक्षा करने पर विचार विमर्श किया गया। प्रदेश में 60 दिन की कार्य योजना के तहत 74 नए प्राथमिक स्कूल और 9 नई कॉमर्स फैकल्टी स्कूलों में खोली जाने पर कार्य करने, प्रतिभावान छात्रों को चिन्हित कर उन्हें प्रोत्साहन देने, शिक्षा में गुणवत्ता के लिए शिक्षकों के प्रदर्शन को और बेहतर बनाने के लिए प्रोत्साहित करने तथा बच्चों के शैक्षणिक स्तर की जानकारी उनके माता-पिता, अभिभावकों को देने जैसे लक्ष्य चिन्हित किए गए हैं।
सम्भागीय स्तर पर संस्कृत शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए ज्योतिष, वास्तु, कर्मकाण्ड पर अगले साल 2014-15 से पाठ्यक्रम शुरू करने, सभी सरकारी महाविद्यालयों में साफ-सफाई, रंग-रोगन तथा कॉलेजों के उद्यानों को बेहतर बनाने के प्रयास करने जैसे लक्ष्य निर्घारित किए गए। कॉलेजों में द्वितीय वर्ष एवं तृतीय वर्ष में अलग से प्रवेश लेने की अनिवार्यता भी खत्म की जाएगी ताकि एक ही बार में प्रवेश लेकर शिक्षा जारी रखी जा सके। इससे करीब 2.25 लाख विद्यार्थियों को लाभ मिल सकेगा।
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