केजरीवाल ने लिए दो और बड़े फैसले
नई दिल्ली। 
पानी पर फैसले के बाद मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने बुधवार को दो घोषणा कीं। एक दिल्ली में बिजली वितरण का काम कर रही तीनों कंपनियों के खातों की जांच कराने की तथा दूसरी ठंड में रह रहे लोगों के लिए रैनबसेरे बनाने की। 
केजरीवाल ने यहां कहा, उपराज्यपाल नजीब जंग ने तीनों बिजली कंपनियों के खातों की जांच के आर्डर दिए हैं, नियंत्रक एवं लेखा महापरीक्षक (कैग) इनके हिसाब-किताब की जांच करेगा। साथ ही उन्होंने कहा कि ठंड के मद्देनजर टेंट में रहने वालों के लिए पोर्टाकेबिन के रैनबसेरे बनाए जाएंगे। केजरीवाल ने 48 घंटे में 45 नए रैन बसेरे बनाने का आदेश दिया। 
केजरीवाल की तेजी जारी, लिए और दो बड़े फैसले
बिजली कंपनियों ने किया विरोध -
केजरीवाल ने यह घोषणा तीनों बिजली कंपनियों को भेजे नोटिस का जवाब मिलने के बाद की। तीनों कंपनियों ने अपने खातों की जांच कराने से यह कहते हुए विरोध किया कि मामला दिल्ली हाईकोर्ट में चल रहा है। अदालत का फैसला आने तक इंतजार किया जाना चाहिए। दिल्ली में अनिल अंबानी समूह की बीएसईएस यमुना और बीएसईएस राजधानी और टाटा की टाटा पॉवर दिल्ली डिस्ट्रीब्यूशन लिमिटेड (टीपीडीडीएल) बिजली वितरण का काम करती हैं। मुख्यमंत्री ने कहा सरकार ने उनके विरोध को खारिज कर दिया है। उन्होंने कहा, बिजली कंपनियों ने ऑडिट नहीं कराए जाने के संबंध में जो कारण बताया है उससे हम संतुष्ट नहीं हैं। हमें ऎसा कोई कारण नजर नहीं आ रहा है जिससे कि बिजली कंपनियों के खातों का ऑडिट नहीं कराया जा सकता है।

तीनों कंपनियों के ऑडिट की समय सीमा के बारे में मुख्यमंत्री ने कहा कि हालांकि कैग ने इसके लिए समय सीमा दी है। फिर भी हमनें कैग से आग्रह किया है कि आडिट का काम तीन माह में पूरा कर लिया जाए। उन्होंने कहा, जब तक कंपनियों का आडिट हो रहा है सरकार ने उपभोक्ताओं को बिजली की दरों में कटौती कर कुछ राहत दी है। मुख्यमंत्री ने कहा कि कैग बिजली कंपनियों के खातों की जांच-पड़ताल का काम गुरूवार से शुरू कर देगा।

पानी-बिजली पर लिए किया वादा पूरा -

गौरतलब है कि आम आदमी पार्टी (आप) के चुनाव घोषणा पत्र के पानी और बिजली के वादे को पूरा करने के लिए मुख्यमंत्री ने तेजी से कदम उठाए। सोमवार को दिल्ली के घरेलू उपभोक्ताओं को जिनका मीटर सही काम कर रहा है एक माह में 20 हजार लीटर पानी मुफ्त देने का फैसला किया गया। मंगलवार को एक अन्य महत्वपूर्ण निर्णय में दो स्लैब में बिजली की दरों को आधा किया गया है। इसके अनुसार शून्य से 200 और 201 से 400 यूनिट मासिक खपतवाले उपभोक्ताओं का बिजली शुल्क आधा कर दिया गया है। सरकार पर इससे 200 करोड़ रूपए का बोझ पड़ेगा और 28 लाख उपभोक्ताओं को फायदा होगा। यह निर्णय बुधवार से लागू हो गया है और फिलहाल वित्त वर्ष की समाप्ति तक मान्य रहेगा।

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