ग्रामीण विकास योजनाओं का जरूरतमदों को समय पर लाभ मिले: कटारिया 
 
जयपुर 15 जनवरी। 
ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री गुलाब चन्द कटारिया ने जिला परिषदों के मुख्य कार्यकारी अधिकारियों से कहा है कि जिलों में संचालित ग्रामीण विकास योजनाओं की प्रतिदिन प्रभावी मॉनिटरिंग करें जिससे ग्रामीण विकास योजनाओं का जरूरतमदों को समय पर लाभ मिले तथा प्राप्त राशि का पूर्ण सदुपयोग हो सके। 
कटारिया बुधवार को इन्दिरा गांधी ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज प्रशिक्षण संस्थान, जयपुर में आयोजित जिला परिषदों के समस्त मुख्य कार्यकारी अधिकारियों की दो दिवसीय कार्यशाला को सम्बोधित कर रहे थे। कार्याशाला में ग्रामीण विकास, पंचायती राज, महात्मा गांधी नरेगा, बीआरजेएफ, मेवात, डांग तथा मगरा क्षेत्रों के विकास बोर्ड, मुख्यमंत्री ग्रामीण बीपीएल आवास योजना, इन्दिरा आवास योजना सांसद एवं विधायक स्थानीय क्षेत्र विकास निधि आदि विभिन्न योजनाओं की प्रभावी क्रियान्विति के लिए विस्तार से चर्चा होगी।
उन्होंने कहा कि दिसम्बर 2013 तक वार्षिक कार्य योजना तथा बजट राशि का केवल 47 प्रतिशत ही खर्च हुआ है। आगामी 31 मार्च तक कम से कम 90 प्रतिशत राशि खर्च कर ग्रामीण विकास योजनाओं को गति देेने के लिए समुचित प्रयास किये जाने चाहिये तथा भविष्य में ध्यान रखे कि बजट राशि का उपयोग वर्ष के अंतिम महीनों में न कर वर्ष भर समान गति से किया जाये ताकि बेहतर मॉनिटरिंग तथा गुणवत्ता पूर्ण कार्य सुनिश्चित हो सकें। 
कटारिया ने ग्रामीण विकास योजनाओं की जिलेवार समीक्षा करते हुये कहा कि जिला कलेक्टरों को निर्देश दिये गये हंै कि माह में एक दिन केवल ग्रामीण विकास योजनाओं की प्रभावी मॉनिटरिंग करें। इसी प्रकार सीईओ व विकास अधिकारी भी प्रतिदिन मॉनिटरिंग करेंगे। उन्होंने कहा कि संसाधन होते हुये भी जरूरतमन्दों को योजनाओं का सम्पूर्ण लाभ नहीं पहुॅचाया जा रहा, जो गंभीर मामला है।
उन्होंने निर्देश दिये कि वित्तीय एवं प्रशासनिक स्वीकृतियां समय रहते जारी हों तथा अतिरिक्त राशि की आवश्यकता पडऩे पर समय पर संशोधित प्रस्ताव भिजवायें, जिससे काम को समय पर पूरा करवाया जा सके। इसी तरह काम पूरा होने के बाद समय पर उपयोगिता प्रमाण पत्र जारी किये जायें। केन्द्र सरकार की योजनाओं के पेटे अधिकतम राशि मिला सके।
उन्होंने बताया कि फरवरी माह में राज्य भर में संभाग स्तर पर समीक्षा बैठकें आयोजित होंगी। जिसमें संम्भाग के जिलों की विस्तार से समीक्षा होगी। श्रेष्ठ कार्य करने वाले अधिकारियों को पुरस्कृत तथा औसतस से कमजोर प्रदर्शन करने वालों के विरूद्घ कार्रवाई की जायेगी।
कटारिया ने महात्मा गांधी नरेगा योजना की समीक्षा करते हुये कहा कि राज्य में औसत मजदूरी 112 रूपये है, जिसे बढ़ाने की आवश्यकता है। उन्होंने निर्देश दिये कि श्रमिकों का भुगतान लम्बित नहीं रहे। अधिकतम 15 दिन में भुगतान हर हालात में श्रमिक को मिलना चाहिये। उन्होंने निर्देश दिये कि फरवरी माह में श्रमिकों की संख्या दिसम्बर माह के मुकाबले लगभग 50 प्रतिशत बढऩी चाहिए। इसके लिए अभियान चलाकर ग्रामीणों को फार्म संख्या-6 सुलभता से उपलब्ध करवायें तथा ग्राम सेवक, रोजगार सहायक स्वयं फार्म भरवाने में सहायता करें। उन्होंने महात्मा गांधी नरेगा में कम राशि खर्च होने पर चिन्ता व्यक्त करते हुये निर्देश दिये कि राशि का ज्यादा से ज्यादा उपयोग होना चाहिये। इसके लिए टांका निर्माण, खेत सुधार, पौण्ड निर्माण जैसे व्यक्तिगत लाभ के कार्य अधिकतम संख्या में शुरू किये जायें। 
बैठक में ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज के प्रमुख शासन सचिव श्रीमत् पाण्डे ने जिला परिषद के समस्त मुख्य कार्यकारी अधिकारियों को निर्देश दिये कि ग्रामीण विकास योजनाओं के क्रियान्वयन में टीम भावना से काम करें तथा एमआईएस फीडिंग के कार्य में लापरवाही न करें। 
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार द्वारा दिये गये निर्देशों की समय पर पालना करते हुये योजनाओं को बेहतर गति देनी है। उन्होंने समस्त सूचनाएं समय पर भेजने के निर्देश देते हुये कहा कि अब सभी योजनाओं के भुगतान ऑनलाइन करने की व्यवस्था अप्रैल, 2014 से शुरू की जायेगी। उन्होंने कहा कि सांसद तथा विधायक कोष योजनाओं में वर्ष 2011-12 तथा वर्ष 2012-13 के प्रस्तावित सभी कार्य मार्च 2014 तक हर हालत में पूर्ण करवायें जायें। वर्ष 2013-14 के 11449 अपूर्ण तथा 3 हजार 881 बिना शुरू हुये कार्य भी जल्द से जल्द पूरा करायें।
इस अवसर पर पंचायती राज आयुक्त श्रीमती अपर्णा अरोरा ने पंचायती राज संस्थाओं के सशक्तीकरण के लिए किये जा रहे प्रयासों की जानकारी दी। महात्मा गांधी नरेगा आयुक्त कुन्जीलाल मीणा ने महात्मा गांधी नरेगा योजना के क्रियान्वयन की विस्तार से जानकारी देते हुये बताया कि राज्य में 99 लाख परिवारों के जॉब कार्ड बनाये गये हंै। इस वर्ष 2 हजार 334 करोड़ रूपये श्रम मद में खर्च करने का लक्ष्य रखा है जिसमें दिसम्बर 13 तक 1991 करोड़ रूपये खर्च हो चुके हंै। उन्होंने बताया कि 1 लाख 29 हजार परिवारों को 100 दिन का रोजगार दिया गया है।
उन्होंने समस्त सीईओ को 20 जनवरी 2014 तक जिला परिषदों से अनुमोदन कराकर लेबर बजट के प्रस्तावों को ऑनलाइन करने के निर्देश दिये। उन्होंने निर्देश दिये कि श्रमिकों के लम्बित भुगतान के प्रकरण तत्परता से निपटायें, भुगतान देरी में जिस कर्मचारी अधिकारी की लापरवाही लगे उस पर जुर्माना लगाये।

0 comments:

एक टिप्पणी भेजें

 
HAFTE KI BAAT © 2013-14. All Rights Reserved.
Top