65 वें गणतंत्रता दिवस पर होगा, 6500 पशु चिकित्सा एवं स्वास्थ्य शिविरों का आयोजन -पशुपालन मंत्री

जयपुर, 16 जनवरी। कृषि एवं पशुपालन मंत्री प्रभुलाल सैनी ने 65 वें गणतंत्र दिवस के अवसर पर 25 जनवरी को पशुधन आरोग्य महाअभियान के तहत् पशुचिकित्सकों से 6500 पशुचिकित्सा एवं स्वास्थ्य शिविर आयोजन का आह्वान किया।
सैनी गुरूवार को राजस्थान राज्य पशुधन प्रबन्धन एवं प्रशिक्षण संस्थान जामड़ोली,जयपुर के सभागार में पशुपालन विभाग के तत्वावधान में ÓÓ पशुधन आरोग्य चल चिकित्सा इकाई ÓÓ विषयक आयोजित आमुखीकरण एवं प्रशिक्षण कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में सम्बोधित कर रहे थे।
उन्होंने निरन्तर बढ़ती जनसंख्या के कारण प्रति व्यक्ति को दूध की उपलब्धता में कमी होना अवश्यंभावी बताते हुए कहा कि वर्तमान में प्रदेश में 488 ग्राम दूध प्रति व्यक्ति उपलब्ध है। लेकिन वैश्वीकरण व प्रतिस्पर्धा के इस युग में पशुपालन के क्षेत्र में विकास के और अधिक प्रयास किये जाने की आवश्यकता हैं।
उन्होंने कृत्रिम गर्भाधान की गुणवत्ता में भी सुधार की महत्ती आवश्यकता जताते हुये कहा कि नस्ल सुधार के लिये ओर अधिक प्रयास करने होंगे, ताकि पशुधन की उत्पादन क्षमता को बढ़ाया जा सके। श्री सैनी नेे देशी नस्लों के संरक्षण एवं सम्वर्धन पर जोर देते हुए कहा कि इस सरकार के गत कार्यकाल में देशी गौवंशीय नस्लों में सुधार हेतु एम्ब्रियो ट्रान्सफर, ब्रीड कन्फरमेशन, डी.एन.ए. फिंगर प्रिन्ट तकनीक जैसे नवीन कार्यक्रम हाथ में लिये गये थे, लेकिन गत् सरकार के कार्यकाल में इन कार्यक्रमों को गति नहीं मिल सकी। इस अवसर पर कृषि एवं पशुपालन मंत्री के साथ टोंक के विधायक श्री अजीत सिंह मेहता भी उपस्थित थे।
अतिरिक्त मुख्य सचिव कृषि एवं पशुपालन श्री अशोक सम्पतराम ने कहा कि पशुपालन व्यवसाय राज्य की ग्रामीण जनता की आजिविका का सशस्त साधन है। उन्होंने पशुधन की उत्पादन क्षमता को बढ़ाये जाने पर जोर दिया ताकि प्रदेश का पशुपालक आर्थिक रूप से समृद्व हो सके।
प्रशिक्षणार्थियों को सम्बोधित करते हुये शासन सचिव पशुपालन अभय कुमार ने कहा कि 60 दिवसीय कार्य योजना के प्रभावी क्रियान्वयन पर जोर देते हुए कहा कि पशुपालन के क्षेत्र में मूल भूत संसाधनों का विकास किये जाने के प्रयास किये जायेंगे।
इससे पूर्व पशुपालन विभाग के निदेशक डॉ. राजेश मान ने अतिथियों का स्वागत करते हुये चल चिकित्सा प्रभारियों को पुरे मनोयोग एवं सर्मपण भाव से अपने दायित्वों को निर्वहन करने का आह्वान किया। डॉ0 मान ने नव पद स्थापित पशुचिकित्सकों में उर्जा का संचार करते हुए बेहतर परिणामों की अपेक्षा भी की । डॉ0 मान ने बताया कि प्रशिक्षण कार्यक्रम में आज समस्त जिला स्तरीय चल चिकित्सा ईकाइयो सहित जयपुर ,अजमेर तथा कोटा संभाग की तहसील स्तरीय चल चिकित्सा ईकाइयो के 200 प्रभारी अधिकारी उपस्थित थे, कल 17 जनवरी 2014 को इस प्रशिक्षण में उदयपुर, जोधपुर, भरतपुर, व बीकानेर संभाग के समस्त तहसील स्तरीय चल चिकित्सा ईकाइयो के प्रभारी अधिकारी भाग लेगें ।
डॉ. राजेश मान ने बताया कि प्रशिक्षण उपरान्त योजना के प्रभावी क्रियान्वयन के फलस्वरूप पशु चिकित्सा से वंचित क्षेत्रों में पशुपालन गतिविधियों का लाभ पशुपालकों को मिलेगा साथ ही स्वस्थ पशुधन एवं नस्ल सुधार से पशुधन उत्पादन में वृद्घि होगी जिससे पशुपालकों की आर्थिक एवं सामाजिक स्थिति मे निश्चय ही उत्तरोत्तर सुधार होगा। 
मध्यान्ह् पूर्व तकनीकी सत्र में दवा प्रकोष्ठ के अतिरिक्त निदेशक, डॉ. अजय गुप्ता ने पशुधन नि:शुल्क दवा योजना अतिरिक्त निदेशक मोनिटरिंग डॉ. आलोक जुनेजा ने पशुधन आरोग्य चल चिकित्सा इकाई, तथा क्षेत्रीय रोग निदान प्रयोगशाला, उदयपुर, के उप निदेशक डॉ. भूपेन्द्र भारद्वाज ने पशुओं में बांझपन निवारण चिकित्सा विषय पर व्याख्यान दिये।
मध्यान्ह् पश्चात् तकनीकी सत्र में अतिरिक्त निदेशक फार्म डॉ..एन.एम.सिंह ने पशुधन आरोग्य महाअभियान, राज्य रोग निदान केन्द्र के संयुक्त निदेशक, डॉ. लाल सिंह ने नेशनल कन्ट्रोल प्रोग्राम ऑन ब्रुसेल्लोसिस तथा संयुक्त निदेशक सांख्यिंकी, डॉ. आनन्द सेंजरा ने विभागीय योजनाओं तथा पशुधन से सम्बन्धित प्रचलित अधिनियम व नियमों के बारे में विस्तृत रूप से प्रकाश डाला।
इस अवसर पर कृषि एवं पशुपालन मंत्री सहित अतिरिक्त मुख्य सचिव कृषि एवं पशुपालन अशोक सम्पतराम शासन सचिव पशुपालन अभय कुमार द्वारा प्रशिक्षण संस्थान जामड़ोली परिसर में वृक्षारोपण भी किया गया।

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