बिना लाइसेंस 3 फरवरी के बाद नहीं बिक सकेंगे गोल गप्पे एवं चाय आदि, व्यापारी संगठन सक्रिय 
आनद एम वासु 
जैसलमेर 
फूड सेफ्टी एक्ट के तहत चाय की थड़ी एवं गोल गप्पे के ठेले बिना लाइसेंस के नहीं लगाए जा सकेंगे। लेकिन जिले में हाल ये हैं कि अब तक अधिकांश चाय की थड़ी एवं खाद्य पदार्थ की बिक्री करने वाले कई प्रतिष्ठानों को इसकी जानकारी तक नहीं है। जबकि 3 फरवरी तक लाइसेंस के लिए आवेदन किए जाने हैं। उसके बाद संबंधित विभाग इस एक्ट के तहत 4 फरवरी से कार्रवाई शुरू कर देगा। जिले में करीब 25 हजार छोटे-बड़े खाद्य सामग्री विक्रेता इस दायरे आते हैं। इनमें से कुछ गिने चुने लोग ही अब तक लाइसेंस बनवा पाए हैं।

वहीं जागरूकता के अभाव में अब तक बेहद कम लोग ही ऑनलाइन आवेदन कर सके हैं। यदि 4 फरवरी के बाद किसी ने भी बिना लाइसेंस अथवा रजिस्ट्रेशन के सड़क पर खड़े रहकर गोल-गप्पे या चाय आदि बेची तो संबंधित दुकानदार को छह महीने की कैद व अधिकतम 2 लाख रुपए तक का जुर्माना अदा करना पड़ सकता है। इससे केवल वे किसान इस दायरे से बाहर रखे गए हैं, जो खेत से ही खाद्यान्न का बिक्री का धंधा करते हैं। अन्य सभी को रजिस्ट्रेशन कराना जरूरी है।

यहां कर सकते हैं संपर्क : आवेदन ऑनलाइन (एमपी ऑनलाइन की मदद से) या मैन्युअल जमा किए जा सकते हैं। यदि कोई भ्रम है तो सीएमएचओ ऑफिस में जाकर खाद्य सुरक्षा अधिकारियों से संपर्क किया जा सकता है। लाइसेंस रजिस्ट्रेशन में समय लग सकता है। इस वजह से आवेदन जल्दी करने की सलाह दी जा रही है। बाद में होने वाली किसी भी परेशानी से बचा जा सके।

100 से लेकर 7500 रुपए तक का शुल्क : रजिस्ट्रेशन व लाइसेंस के लिए 100 रुपए से लेकर 7500 का शुल्क रखा गया है। खाद्य अधिनियम 11 में लागू हुआ। था। जागरुकता की अभाव एवं कई समस्याओं के चलते इसकी तिथि बढ़ाई गई।

क्या जरूरी : जानकारी के अनुसार सालाना कारोबार 12 लाख से अधिक होने पर आवेदन के लिए शपथ पत्र 50 रुपए के स्टांप पर आईडी प्रूफ, एड्रेस पूफ्र, स्थान का किरायानामा या रजिस्ट्री (यदि खुद का है तो), आवेदक यदि निर्माता है तो पानी की रिपोर्ट आदि। यदि सालाना कारोबार 12 लाख रुपए से कम है तो आवेदन, फोटो पहचान पत्र, एड्रेस प्रूफ, एक फोटो आदि। कारोबार 12 लाख से कम पर 100 रुपए, 12 लाख से अधिक पर 2000 हजार रुपए शुल्क लगेगा। निर्माता के लिए नियमानुसार 3500 एवं 7500 रुपए तक एक वर्ष का शुल्क है।

जानकारी अनुसार एक्ट के बारे में जानकारी के लिए शिविर लगाए जाएंगे। खाद्य सुरक्षा अधिकारी व्यापार मंडल आदि से मुलाकात कर जानकारी दे रहे हैं। इसके तहत समय सीमा के बाद कार्रवाई की जा सकेगी। अभियान चलाकर भी जानकारी दी जाएगी।

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