लो शुरू हो गया मान मनोव्वल का दौर..... 
बाड़मेर 
एक दिसम्बर को होने वाले विधानसभा चुनाव में नामाकन दाखिल करने की अतिम दिनाक के बाद दोनों बड़ी पार्टीयो से बागी बने उम्मीदवार को मान मनोव्वल के लिए बुधवार को प्रयास करना शुरू कर दिया है जो नामाकन उठाने कि दिनाक 16-11-20013 तक चलने कि सभावना है 
दोनों ही पार्टीयो अपनो कि लड़ाई से जूझ रही है मान मनोव्वल के दौर में कोई बागी हो गया है तो कई रूठ कर बेठ गए है बाड़मेर विधानसभा में कांग्रेस पार्टी सत्ता में थी और मेवाराम ने बाड़मेर में काम भी करवाया है और उस काम के पीछे कोई नाराज भी हुआ है और किसी का काम नहीं होने से नाराज हुए है. ऎसे में मेवाराम को अपने पार्टी के कार्यकर्ता और समरथको को मनाने कि जरुरत पड़ेगी और वही बीजेपी में डॉ प्रियका चौधरी को टिकट मिलने से नाराज मृदुरेखा चौधरी ने बीजेपी छोड़ कर निर्दलीय नामाकन दाखिल किया जो निर्दलीय के प्रत्याशी के रूप प्रचार - प्रसार भी शूरु कर दिया है और भाजपा प्रत्याशी प्रियका चौधरी को मृदुरेखा को मनाने कि चुनौती रहेगी और इस बार समाजसेवी तनसिंह का खुले में प्रियका समर्थन करना प्रियका के लिए फायेद मद रहेगा , वही शिव विधानसभा से बागी हुए जालमसिंह रावलोत ने पर्चा भर कर बीजेपी कि गणित ही बिगाड़ दी है शिव विधानसभा से भाजपा प्रत्याशी मानवेन्द्र सिंह के लिए मुश्किलें बढ़ा दी और अदर ही अंदर मानवेन्द्र सिंह के समर्थक और कार्यकर्त्ता डॉ जालमसिंह को मनाने के प्रयास तेज कर दिए और राजनितिक सूत्रो के माने तो जल्द ही मान भी जायेगे वही मानवेंद्र सिंह अमिन खान के जातिकरण समीकरण भी तोड़ सकते है और ये देखने वाली बात रहेगी
वही बायतु विधानसभा से कैलाश चौधरी को अपने पार्टी के कार्यकर्तायो और समर्थको को मानाने का दौर जारी है और कुछ कार्यकर्ता मान भी गए है और कुछ एक को मनाने का दौर जारी है दूसरी तरफ कांग्रेस प्रत्याशी कर्नल सोनाराम चौधरी को किसी तरह कि भितरघात कि आशका नजर नहीं आ रही है 
ही गुड़ामालानी विधानसभा से कांग्रेस प्रत्याशी हेमाराम चौधरी के ना ना करते माने जाने से पार्टी और पार्टी के कार्यकर्ता तो बहुत खुश है लेकिन हेमाराम के ना ना में उनके समर्थको और कार्यकर्तायो पर इसका क्या असर पड़ता है ये देखने वाली बात होगी दूसरी तरफ बीजेपी प्रत्याशी लादूराम विश्नोई के लिए पिछले दो चुनाव में मिल रही हार को भुलाकर इस बार जीत का परचम लहरने कि चुनौती रहेगी 

पचपदरा विधानसभा से कांग्रेस प्रत्याशी मदन प्रजापत के लिए इस बार जीत कि राह आसान नहीं होगी इस बार उनका विरोध भी कुछ जयादा था और प्रजापत के सामने अब्दुल रहमान ने बागी तेवर दिखा कर मुस्किल बढ़ा दी और प्रजापत ने भी मान मनोव्वल का दौर शुरू कर दिया है और उनको कहा तक सफलता मिलती है वो आने वाला वक्त ही बतएगा वही अमराराम चौधरी ने इस बार मान मनोव्वल पहले ही कर दी है और इस बार किसी विरोध या भितरघात कि आश्का नहीं है और इनोहने अपना प्रचार-प्रसार भी शुरू कर दिया है. 

वही सिवाना विधानसभा से कांग्रेस ने नये चेहरे महत निर्मल दास को प्रत्याशी बनाया और जिसका विरोध भी खूब हुआ और जहा निर्मल दास ने विरोध के स्वर को शांत करने का प्रयास तो टिकट मिलते ही शुरू कर दिया था जो आज भी कुछ हद तक जारी है और कार्यकर्तायो को एक साथ बिठाना उनके लिए बड़ी चुनौती बनी हुई है और दूसरी तरफ भाजपा प्रत्याशी हमीरसिंह को टिकट मिलने से विरोध का कोई स्वर देखने को नहीं मिला है और विधायक कानसिंह कोटड़ी का पूर्ण समर्थन मिला है और हमीरसिंह को भीतरघात की आशका नहीं है

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