कह दो गमे हुसैन मनाने वालों से, मोमिन कभी शोहदाअ का मातम नहीं करते
बाड़मेर 13 नवम्बरन । कुरेशिया मोहल्ला इन्द्रा काॅलोनी में इमाम हुसैन की याद में एक जलसा रखा गया इस जलसे में मुस्लिम धर्म गुरू पीर सैयद बापू गुलाम हुसैन शाह जिलानी ने अपनी तकरीर में कहा इमाम हुसैन ने हक और बातिल की लड़ाई के खातिर अपना सब-कुछ इस्लाम के लिए कुर्बान कर दिया। मुझे बहुत खुशी हुई । कि इस बार मौहरम के दिन ईमाम हुसैन की बहुत बड़ा जलसा रखा है नौजवानों दिनी दुनिया कामों को अंजाम दे उन्होने नौजवानों से आह्वान किया ज्यादा से ज्यादा से ईमाम हुसैन की महफिल में जाईयें। इस दिन अपने कारोबार को बन्द रखने का आह्वान किया। खुब खैरात सदका गरीबों को खाना खिलाओं जिससे अल्लाह उसका रसुल राजी हो जाऐं। उनहोने कहा हमारे दिल में मुल्क के लिए कुर्बान होने का दिल में जज्बा होना चाहिए। इंसानियत भाई चारे के लिए अपने आप को कुर्बान करते रहना चाहिए। इस्लामी जबाजों उल्माइकराम ने इस मुल्क की आजादी के लिए कुर्बानी दी है। उन्होंने कहा दुसरे के हक को दबाने वाला, दंगा फसाद कराने वाले रब ताला मोहब्बत नहीं करता।
इस मौके पर जामा मस्जिद के शाही ईमाम मौलाना लाल मोहम्मद ने डाॅ. ईकबाल से शेयर सुनाते हुऐ कहा:-
कह दो गमे हुसैन मनाने वालों से । मोमिन कभी शोहदाअ का मातम नहीं करते ।।
हे इशक अपनी जान से भी ज्यादा आले रसूल से । युं सरे आम हम उन का तमाशा नहीं करते।।
रोऐं वोंह जो मुन्किर हैं शहीदे हुसैन के हम जिन्दा व जावेद का मातम नहीं करते।।
इसी शेयर सुनाते हुए मजमें में सुभान अल्लाह की वहा वाहि लुटी। इस अवसर पर मुफित मोहम्मद रहीम खां, मौलाना अब्दुल रहमान, मौलाना मजूंर अहमद अकबरी, मौलाना जलालुद्दीन मुस्लिम इंतेजामिया कमेटी के पुर्व सदर असरफ अली, मुस्लिम युवा कमेटी के सदर पीर मोहम्मद कोटवाल, कोषाध्यक्ष अजरुद्दीन कुरैशी, हाजी सलिम, हाजी समसुद्दीन, सरिफ भाई मिस्त्री, बहादुर शाह कोटवाल, कमरुद्दीन कुरैशी, साकिर मुख्तयार, मुराद खां, सहित तीन गणमान्य लोग उपस्थित थे।
मुस्लिम युवा आज निकालेगें दोपहिया वाहन रैली
मुस्लिम युवा ईमाम हुसैन, के होने वाले जलसे की दावत देने के लिए जामा मस्जिद से 2.30 बजे दोंपहिया वाहन रैली मुस्लिम मौहल्लों मंे घर घर जाकर जलसें में आने की दावत देगें। मुस्लिम युवा कमेटी के सदर पीर मोहम्मद कोटवाल ने बताया कि 14 को बाद नमाज ईशा तेलियों के मौहल्लों में 15 को सुबह 9.00 बजे जो जामा मस्जिद के आगे होना था जगह कम होने की वजह से जिसका स्थान बदल कर फातिया चैक रखा गया है। जहां पर दावदें आम होगी। इस जलसे में पीर सैयद मंजूर हसन, कादरी सैयद, आरीफउल्ला असरीफ बड़ौदा, मौलाना अनीस अहमद मुरादाबाद, मौलाना मंजूर अहमद अकबरी भीलवाड़ा, की तकरीर होगी।


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