थमा प्रचार, जनसंपर्क पर जोर
जयपुर।
राजस्थान विधानसभा चुनाव-2013 के प्रचार थम गया है। इसके साथ ही चुनावी सभा, बैठक व अन्य प्रचार की गतिविधियों पर रोक लग गई है। इस दौरान सूखा दिवस घोषित होने से राज्य में मतदान समाप्ति तक शराब की बिक्री भी नहीं हो सकेगी। प्रचार थमने के बाद उम्मीदवारों की मतदाताओं के जोड़तोड़ की रणनीति शुरू हो गई है। इसके साथ ही अब पार्टियों और प्रत्याशियों का जोर जनसंपर्क पर हो गया है। गौरतलब है कि राज्य में 199 विधानसभा सीटों के लिए मतदान 1 दिसम्बर को सुबह आठ से शाम पांच बजे तक होगा। शेष रही चूरू विधानसभा के लिए मतदान 13 दिसंबर को होगा।
चुनाव प्रचार समाप्त होने के बाद कोई भी राजनीतिक व्यक्ति जिस विधानसभा क्षेत्र का मतदाता नहीं है वहां रूक नहीं सकेगा। चुनाव आयोग ने दूर-दराज के क्षेत्रों के लिए मतदान पार्टियों को शुक्रवार सुबह रवाना कर दिया जबकि शहरी क्षेत्रों के लिए मतदान पार्टियां शनिवार को जाएंगी।
उधर, प्रचार के अंतिम दिन भाजपा-कांग्रेस सहित सभी राजनीतिक दलों के स्टार प्रचारकों की धूम रही। जगह-जगह सभाएं, रोड शो और रैलियां हुई। भाजपा के लिए गुजरात के मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी ने पोकरण, जोधपुर और सुमेरपुर में सभाओं को संबोधित किया। कांग्रेस के लिए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सभाएं की।
तैयारियां पूरी, निगरानी जोरों पर
राज्य चुनाव आयुक्त अशोक जैन ने बताया कि शांतिपूर्ण चुनाव कराने के लिए सभी तैयारियां पूरी कर ली गई है। इसके तहत 1.34 लाख हथियार जमा किए गए हैं और 1226 अवैध हथियारों के मामले दर्ज किए गए हैं। साथ ही 48 अवैध हथियारों के कारखानों पर छापा मारा गया। गड़बड़ी रोकने के लिए दो लाख से ज्यादा लोगों को पाबंद किया गया है। 44185 लोगों के खिलाफ गैर जमानती वारंटों की तालीम कीगई। सुरक्षा व्यवस्था बनाए रखने के लिए केन्द्रीय रिजर्व सुरक्षा बल, आरएसी, होमगार्ड और स्थानीय पुलिस को तैनात किया गया है। इसके तहत गृह मंत्रालय से सीआरपीएफ की 509 कंपनियां मंगाई गई है। इसमें 1.19 लाख पुलिसकर्मी, 38175 सीआरपीएफ कर्मी तैनात किए गए हैं। 200 विधानसभा सीटों पर 282 पर्यवेक्षक नियुक्त किए गए हैं।
इसके साथ ही प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में तीन उड़नदस्ते और तीन निगरानी दल बनाए गए हैं। 56 चुनाव ऑब्जर्वर की नियुक्ति भी की गई। वहीं राज्यों से लगती सीमाओं पर चौकसी बढ़ाने के लिए 20 उड़नदस्ते, 34 मोबाइल टीम और 32 चैक पोस्ट बनाई गई है। वहीं शिकायतों के लिए पुलिस हैडक्वार्टर में विशेष कंट्रोल रूम बनाया गया है। 4.12 लाख कर्मचारी को चुनाव डयूटी पर लगाया गया है। इसके साथ ही चुनावी डयूटी पर लगाए गए कर्मचारियों से पोस्टल वोट डलवाए जा रहे हैं।
उधर, मुख्य निर्वाचन अधिकारी अशोक जैन ने सभी जिला निर्वाचन अधिकारियों को चुनाव प्रचार थमने और सूखा दिवस घोषित होने के बाद विशेष सतर्कता बरतने के निर्देश दिए हैं। जैन ने कहा कि प्रचार थमने के बाद सार्वजनिक सभा, जुलूस निकालने, सिनेमा, दूरदर्शन अथवा इलेक्ट्रोनिक मीडिया के माध्यम से चुनाव प्रचार करने पर पूर्ण प्रतिबंध रहेगा। संगीत-समारोह, नाट्य-अभिनय अथवा अन्य कोई मनोरंजन कार्यकम भी नहीं हो सकेंगे।
मोबाइल से प्रचार और एसएमएस पर रोक
चुनाव प्रचार का शोर थमने के बाद एसएमएस अथवा मोबाइल फोन के जरिए भी चुनाव प्रचार करना दंडनीय होगा। यदि चुनाव प्रचार बंद होने के बाद किसी प्रत्याशी की ओर से एसएमएस भेजा जाता है, तो मतदाता संदेश एवं उसे भेजने वाले के मोबाइल नंबर के साथ मैसेज पुलिस के मोबाइल नंबर 080820-00222 पर अग्रेषित करें, जिससे कि कानूनी कार्रवाई की जा सके।
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