आसाराम प्रकरण: बहस पूरी, फैसला 27 को 
जोधपुर। गुरूकुल की नाबालिग छात्रा के साथ दुष्कर्म के मामले में शनिवार को सभी पक्षों की प्रसंज्ञान पूर्व बहस पूरी हो गई। जिला एवं सत्र न्यायाधीश (जोधपुर जिला) मनोज कुमार व्यास की अदालत में शनिवार को अभियोजन की ओर से विशिष्ट लोक अभियोजक राजूलाल मीणा व पीडित पक्ष के अधिवक्ता मनीष व्यास ने बहस की। 

बहस में उनका कहना था कि यौन अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम-2012 (पोक्सो) की धारा 29 व 30 की अवधारणा आरोपियों के खिलाफ है। ऎसे में उनको सुनवाई का मौका दिया ही नहीं जाना चाहिए। फिर भी पत्रावली पर जो साक्ष्य मौजूद हैं, वे प्रसंज्ञान लेने के लिए पर्याप्त हैं। इतना ही नहीं, पुलिस ने जिन धाराओं में आरोप नहीं लगाए हैं, वह धाराएं भी यदि उन पर प्रथम दृष्टया साबित हैं तो अदालत को उसमें भी प्रसंज्ञान लेना चाहिए। 

करीब पौन घण्टे चली बहस में अभियोजन का कहना था कि आरोपियों पर पॉक्सो की धारा 5 (पी) के तहत अपराध भी प्रथम दृष्टया साबित है। जो कि पुलिस ने अनुसंधान में नहीं लगाई है। सुनवाई पूरी होने के बाद अदालत ने प्रसंज्ञान पर फैसला सुरक्षित रखते हुए 27 नवम्बर को सुनवाई करने का आदेश पारित किया। आसाराम की वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से पेशी के मामले में फैसला शनिवार को भी नहीं आया। सुनवाई के दौरान आसाराम सहित सभी पांचों आरोपी अदालत में पेश हुए। 




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