आधी रात बाद जोधपुर जेल पहुंचे आसाराम
जोधपुर/अहमदाबाद. सूरत की महिला के साथ दुष्कर्म के मामले में रिमाण्ड अवधि पूरी होने के बाद गुजरात पुलिस आसाराम को लेकर मंगलवार आधी रात बाद करीब साढ़े तीन बजे जोधपुर स्थित सेन्ट्रल जेल पहुंची। उन्हें कड़ी सुरक्षा के बीच सड़क मार्ग से अहमदाबाद से जोधपुर लाया गया।
रास्ते में राज्य पुलिस ने सुरक्षा प्रदान की। वहीं, जोधपुर जेल के बाहर भी अतिरिक्त पुलिस बल तैनात किया गया। गुजरात पुलिस के काफिले में करीब 12-15 वाहन शामिल थे। इससे पहले अपराह्न में गुजरात की गांधीनगर अदालत ने आसाराम को न्यायिक अभिरक्षा में भेजने के आदेश दिए थे। कोर्ट से आदेश होते ही गुजरात पुलिस समर्थकों को चकमा देने के लिए उन्हें जेल ले जाने का कहकर रवाना हुई।
लेकिन कड़ी सुरक्षा के बीच गुजरात पुलिस के एक-डेढ़ दर्जन वाहनों का काफिला आसाराम को लेकर सड़क मार्ग से जोधपुर की तरफ निकल गया। आसाराम को गुजरात पुलिस की बस में कड़ी सुरक्षा के बीच रखा गया है। राजस्थान सीमा में प्रवेश करने के बाद सिरोही जिले के स्वरूपगंज टोल प्लाजा पर समर्थकों की भीड़ लग गई। वे आसाराम के दर्शन करना चाहते थे, लेकिन पुलिस काफिला बिना रूके आगे निकल गया।
गौरतलब है कि सूरत में सुरेन्द्रनगर मूल की महिला ने गत छह अक्टूबर को आसाराम के खिलाफ अहमदाबाद के चांदखेड़ा पुलिस में बलात्कार, आपराधिक षड्यंत्र तथा हथियार अधिनियम के धाराओं के तहत प्राथमिकी दर्ज कराई थी।
नौ दिन रूके अपने शहर में
गुुजरात पुलिस आसाराम को गत 14 अक्टूबर को जोधपुर से ट्रांजिट वारंट पर विमान से अहमदाबाद ले गई थी। 25 अक्टूबर तक उन्हें जोधपुर कोर्ट में पेश करने के निर्देश थे। इससे पहले तीन दिन की रिमाण्ड अवधि पूरी होने पर आसाराम को मंगलवार को कड़ी सुरक्षा के बीच पुलिस ने अदालत में पेश किया था। अभियोजन पक्ष ने अदालत के समक्ष सुरक्षा के लिहाज से आसाराम को साबरमती जेल की बजाय नडियाद जेल भेजने का आवेदन किया था, लेकिन उनके वकील ने विरोध किया था।
पुलिस से कोई शिकायत नहीं : आसाराम
अब तक पुलिस को लेकर शिकायत करने वाले आसाराम ने अदालत को बताया कि उन्हें पुलिस के खिलाफ कोई शिकायत नहीं है।
चार्जशीट तैयार
इस सप्ताह के अंत तक आसाराम के गुनाहों की चार्जशीट कोर्ट में पेश कर देगी। छिंदवाड़ा स्थित गुरूकुल के निदेशक शरदचन्द्र, छात्रावास वार्डन शिल्पी उर्फ संचिता गुप्ता, मुख्य सेवादार शिवा तथा रसोइए प्रकाश को भी इस साजिश में शामिल माना गया है।
सरेंडर करें नारायण साईं: रविशंकर
लुधियाना. आसाराम और उनके बेटे की करतूतों पर संतों ने भी सवाल खड़े करने शुरू कर दिए है। आध्यात्मिक गुरू रविशंकर ने कहा है कि नारायण साईं को तुरंत पुलिस के सामने सरेंडर कर देना चाहिए।
रास्ते में राज्य पुलिस ने सुरक्षा प्रदान की। वहीं, जोधपुर जेल के बाहर भी अतिरिक्त पुलिस बल तैनात किया गया। गुजरात पुलिस के काफिले में करीब 12-15 वाहन शामिल थे। इससे पहले अपराह्न में गुजरात की गांधीनगर अदालत ने आसाराम को न्यायिक अभिरक्षा में भेजने के आदेश दिए थे। कोर्ट से आदेश होते ही गुजरात पुलिस समर्थकों को चकमा देने के लिए उन्हें जेल ले जाने का कहकर रवाना हुई।
लेकिन कड़ी सुरक्षा के बीच गुजरात पुलिस के एक-डेढ़ दर्जन वाहनों का काफिला आसाराम को लेकर सड़क मार्ग से जोधपुर की तरफ निकल गया। आसाराम को गुजरात पुलिस की बस में कड़ी सुरक्षा के बीच रखा गया है। राजस्थान सीमा में प्रवेश करने के बाद सिरोही जिले के स्वरूपगंज टोल प्लाजा पर समर्थकों की भीड़ लग गई। वे आसाराम के दर्शन करना चाहते थे, लेकिन पुलिस काफिला बिना रूके आगे निकल गया।
गौरतलब है कि सूरत में सुरेन्द्रनगर मूल की महिला ने गत छह अक्टूबर को आसाराम के खिलाफ अहमदाबाद के चांदखेड़ा पुलिस में बलात्कार, आपराधिक षड्यंत्र तथा हथियार अधिनियम के धाराओं के तहत प्राथमिकी दर्ज कराई थी।
नौ दिन रूके अपने शहर में
गुुजरात पुलिस आसाराम को गत 14 अक्टूबर को जोधपुर से ट्रांजिट वारंट पर विमान से अहमदाबाद ले गई थी। 25 अक्टूबर तक उन्हें जोधपुर कोर्ट में पेश करने के निर्देश थे। इससे पहले तीन दिन की रिमाण्ड अवधि पूरी होने पर आसाराम को मंगलवार को कड़ी सुरक्षा के बीच पुलिस ने अदालत में पेश किया था। अभियोजन पक्ष ने अदालत के समक्ष सुरक्षा के लिहाज से आसाराम को साबरमती जेल की बजाय नडियाद जेल भेजने का आवेदन किया था, लेकिन उनके वकील ने विरोध किया था।
पुलिस से कोई शिकायत नहीं : आसाराम
अब तक पुलिस को लेकर शिकायत करने वाले आसाराम ने अदालत को बताया कि उन्हें पुलिस के खिलाफ कोई शिकायत नहीं है।
चार्जशीट तैयार
इस सप्ताह के अंत तक आसाराम के गुनाहों की चार्जशीट कोर्ट में पेश कर देगी। छिंदवाड़ा स्थित गुरूकुल के निदेशक शरदचन्द्र, छात्रावास वार्डन शिल्पी उर्फ संचिता गुप्ता, मुख्य सेवादार शिवा तथा रसोइए प्रकाश को भी इस साजिश में शामिल माना गया है।
सरेंडर करें नारायण साईं: रविशंकर
लुधियाना. आसाराम और उनके बेटे की करतूतों पर संतों ने भी सवाल खड़े करने शुरू कर दिए है। आध्यात्मिक गुरू रविशंकर ने कहा है कि नारायण साईं को तुरंत पुलिस के सामने सरेंडर कर देना चाहिए।

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