टीम इंडिया: अब "करो या मरो"मुकाबला 
नागपुर। 
आस्ट्रेलिया के हाथों सात वनडे मैचों की सीरीज में 2-1 से पिछड़ चुकी भारतीय क्रि केट टीम जब छठे मुकाबले के लिए उतरेगी तो मुकाबले में बने रहने के लिए कप्तान महेंद्र सिंह धोनी के धुरंधरों को इस करो या मरो के मुकाबले में हर हाल में जीत दर्ज करनी होगी। 
भारतीय टीम ने सात वनडे मैचों में सिर्फ एक ही मुकाबला जीता है जबकि रांची और कटक के दो मुकाबले बारिश की भेंट चढ़ गए। ऎसे में यदि टीम इंडिया को जीत दर्ज करनी है तो उसे हर हाल में शेष दोनों मुकाबले जीतने होंगे जबकि सीरीज बराबरी पर लाने के लिए नागुपर वनडे मुठ्ठी में करना होगा। कप्तान धोनी की टीम इस समय जहां दबाव में दिखाई दे रही है वहीं कप्तान जार्ज बैली की भ्रमणकारी आस्ट्रेलिया आत्मविश्वास से लबरेज है और उसकी एक और जीत उसे सीरीज कब्जाने में मदद करेगी। ऎसे में साफ है कि आस्ट्रेलिया नागपुर में भी मेजबान टीम पर मनोवैज्ञानिक दबाव बनाने का प्रयास जरूर करेगी। 
छठे वनडे से पहले भारतीय टीम फार्म में लौटने के लिए हर संभव कोशिश कर रही है और सोमवार को उसके खिलाडियों ने मैदान पर भी जमकर पसीना बहाया। टीम के रणनीतिकार और उसके कप्तान धोनी इस मुकाबले की अहमियत अच्छी तरह जानते हैं और उम्मीद की जा सकती है कि भारतीय टीम मुकाबले में लौटने के लिये हर संभव प्रयास करेंगे। टीम का बल्लेबाजी क्रम जहां उसकी ताकत है वहीं गेंदबाजी अभी भी उसकी सबसे बड़ी समस्या बना हुआ है। 
रांची में रद्द रहे चौथे वनडे में खराब फार्म से जूझ रहे तेज गेंदबाज इशांत शर्मा तथा भुवनेश्वर कुमार को बाहर रखा गया था और उनकी जगह जयदेव उनादकट और मोहम्मद शमी को टीम का हिस्सा बनाया गया था। सीरीज में अभी तक खेले गए मुकाबलों में आलराउंडर रवींद्रजडेजा और रविचंद्रन अश्विन ने भी कोई खास कमाल नहीं किया है। हालांकि अश्विन और इशांत ने अगले मैच से पहले नेट पर काफी अभ्यास किया था लेकिन देखना होगा कि मैदान पर उनका प्रदर्शन कैसा रहता है। 
लेकिन इस करो या मरो के मुकाबले में धोनी कोई रिस्क न लेते हुए रांची में 42 रन पर तीन विकेट लेने वाले शमी को फिर से मौका दे सकते हैं। नागपुर की पिच की बात करें तो यहां भी रनों की बौछार होने की उम्मीद लगाई जा रही है। लेकिन आस्ट्रेलिया के मजबूत बल्लेबाजी क्रम को ध्यान में रखकर ही गेंदबाजों को प्रदर्शन करना होगा क्योंकि यहां रन लुटाना भारतीय टीम को बहुत महंगा साबित हो सकता है। 
भारतीय टीम के पास रोहित शर्मा, शिखर धवन, युवा बल्लेबाज विराट कोहली, चौथे नंबर पर सुरेश रैना और पांचवें पर आलराउंडर युवराज सिंह हैं। इसके अलावा कप्तान धोनी टीम को मुश्किल की घड़ी में बाहर निकालने के लिए उसके खेवन हार की भूमिका में हैं। बल्लेबाजी क्रम में फिलहाल कोई बदलाव की संभावना नहीं है और छठे वनडे में इन खिलाडियों की भूमिका अहम होगी। 
दूसरी ओर आस्ट्रेलिया का गेंदबाजी और बल्लेबाजी क्रम भी टीम इंडिया के समाने कहीं से कमतर नहीं है। टीम के पास कप्तान जार्ज बैली, आरोन फिंच, फिलिप ह्यूज, आलराउंडर शेन वाटसन और ग्लेन मैक्सवेल जैसे मजबूत बल्लेबाज हैं। इन बल्लेबाजों ने अभी तक सभी मैचों में टीम के सामने 300 या उससे नजदीक का स्कोर ही रखा है। रांची में भी रद्द रहे मैच में मैक्सवेल ने 92 और बैली ने 98 रनों की पारी खेलकर अकेले दम पर स्कोर 295 पर पहुंचा दिया था। 
इसके अलावा गेंदबाजों में मिशेल जानसन उसकी सबसे बड़ी ताकत हैं। खुद आस्ट्रेलियाई कप्तान मिशेल को भारत के लिए सबसे बड़ी चुनौती बता चुके हैं। इसके अलावा क्लांइट मैकके, वाटसन, जेम्स फाकनर अपनी टीम के स्कोर का बाखूबी बचाव कर सकते हैं। इसलिए नागपुर के महत्वपूर्ण मुकाबले में एक बार फिर दोनों टीमों के बीच रोमांचक मुकाबले की उम्मीद की जा सकती है।

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