राहुल फार्मूले ने बढ़ाई दावेदारों की धड़कन
जयपुर।
टिकट की उम्मीद लगाए बैठे कई कांग्रेस नेताओं की नींद शुक्रवार को छत्तीसगढ़ विधानसभा के पहले चरण के चुनाव के लिए जारी की गई उम्मीदवारों की सूची ने उड़ा दी है। राहुल गांधी के फार्मूले पर अमल करते हुए कांग्रेस ने वहां नए चेहरों पर दांव लगाया है।
राहुल फॉर्मूले से पार्टी के कई दिग्गज नेताओं को घर बैठना पड़ सकता है।
पिछले विधानसभा चुनाव में 20 हजार से ज्यादा मतों के अंतर से हारने वालों के टिकट पर तो पहले ही तलवार लटकी है पर उन मौजूदा विधायकों पर भी गाज गिर सकती है जिनके निर्वाचन क्षेत्र से लोकसभा चुनाव में पार्टी उम्मीदवार 10 हजार या उससे अधिक वोट से हार गए। पार्टी सूत्रों का कहना है कि ऎसे मामलों में उन परिस्थितियों में रियायत संभव है, जब जिस नेता की सिफारिश पर टिकट दिया जाए, वह उम्मीदवार को जिताने की जिम्मेदारी ले।
यह है फॉर्मूला...
पिछले चुनाव में 20 हजार से ज्यादा मतों से हार गए, उन्हें टिकट नहीं। ऎसे विधायक, जिनके निर्वाचन क्षेत्र से लोकसभा चुनाव के उम्मीदवार 10 हजार या उससे अधिक वोट से हार गए हों, उन्हें प्रत्याशी नहीं बनाया जाएगा।
किसी नेता की सिफारिश पर जिसको टिकट दिया जाएगा, यदि वह चुनाव हारता है तो इसकी जिम्मेदारी उस नेता की होगी।
ये आ सकते हैं चपेट में
लोस चुनाव 09 में पिछड़े मौजूदा विधायक
1. सिकराय - ममता भूपेश
2. किशनगंज- निर्मला सहरिया
3. बारां - प्रमोद जैन भाया
4. आहोर- भगराज चौधरी
5. जालोर- रामलाल मेघवाल
पिछला चुनाव बीस हजार से ज्यादा मतों से हारने वाले
भादरा से संजीव कुमार , अनूपगढ़ से कुलदीप इन्दौरा, बीकानेर पूर्व से डॉ तनवीर मालावत, कोलायत से हुकमाराम, बस्सी में लक्ष्मण मीणा, सांगानेर से सुरेश मिश्रा, बहरोड़ में डा.करण सिंह, भरतपुर में धर्मेन्द्र शर्मा, टोडाभीम में मुरारीलाल, महुआ में सावित्री, ब्यावर में मूल सिंह, खींवसर में सहदेव, मेड़ता में पांचाराम, बाली में जयसिंह, भीनमाल से समरजीत सिंह, उदयपुर शहर में त्रिलोक पूर्विया, घाटोल में शांतिलाल, कोटा दक्षिण रामकिशन वर्मा तथा झालारापाटन में मोहन लाल राठौड़।
0 comments:
एक टिप्पणी भेजें