"आश्रम में होती थीं लड़कियों की सप्लाई" 
जोधपुर। आसाराम के आश्रमों में कई वर्षो से काली करतूतें तथा संदिग्ध गतिविधियां संचालित हो रही थी। अहमदाबाद स्थित मुख्य आश्रम में लड़कियां उपलब्ध करवाई जाती थी। आधी रात को इन लड़कियों को आश्रम से बाहर छोड़ा जाता था। यह संगीन आरोप आसाराम के पुराने सेवादार अजय कुमार ने बुधवार को पत्रकारों से बातचीत में लगाए। 

अदालत में मजिस्ट्रेट के समक्ष सीआरपीसी की धारा 164 के तहत बयान दर्ज करवाने के बाद सहायक पुलिस आयुक्त चंचल मिश्रा के कार्यालय में हरियाणा के हिसार निवासी अजय कुमार ने कहा कि उसने वर्ष 1995 में मुख्य आश्रम में आसाराम की काली करतूतें देखी। आश्रम में कुटिया के पास गैराज था।

पूर्णिमा की रात डेढ़-दो बजे बारिश होने पर वह कुटिया में गया, जहां उसने देखा कि गैराज का शटर खुला था और उसमें से तीन लड़कियां बाहर आती दिखाई दी। वे वहां खड़ी एक कार में बैठी।

फिर नारायण आया तथा शटर उठाया व कार में बैठ गया। फिर चालक कार लेकर आश्रम से बाहर निकल गया। धार्मिक प्रवचनों के बाद रात को आश्रम से लड़कियां निकलती और चालक जीतू व नारायण कार में उन्हें आश्रम से कुछ दूर सूनसान जगह पर छोड़ आते थे। अजय ने आसाराम की पुत्री को लेकर भी कई संगीन आरोप लगाए।

दो सेवादारों की संदिग्ध हालात में मौत
अजय ने बताया कि आश्रम में नरेश सीआईडी नामक सेवादार था। जो तांक-झांक करता रहता था। इस पर आसाराम ने आपत्ति जताई। फिर कार चालक जीतू ने उसकी बुरी तरह पिटाई भी की। कुछ समय बाद आसाराम सेवादारों के साथ हरिद्वार गए। नरेश भी उनके साथ था। 

वहां से अजय व अन्य को सूचना मिली कि नरेश सीआईडी गंगा नदी में बह गया। इसी प्रकार रेवा नामक एक अन्य सेवादार को भी किसी काम से आश्रम से बाहर भेजा गया था। जिसकी ट्रक से कुचलकर मृत्यु हो गई थी। 

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