जोधपुर। आश्रम की कुटिया में दुराचार के आरोपों के चलते जेल में बंद आसाराम और अन्य सहआरोपियों को अब 25 अक्टूबर तक जेल की हवा खानी पड़ेगी। कोर्ट ने शुक्रवार को सभी आरोपियों की न्यायिक अभिरक्षा अवधि को 25 अक्टूबर तक बढ़ा दिया है।
न्यायिक अभिरक्षा अवधि समाप्त होने पर मुख्य आरोपी आसाराम, मुख्य सेवादार शिवा, महिला वार्डन शिल्पी, रसोइया प्रकाश तथा गुरूकुल निदेशक शरदचन्द्र को यहां जिला व सेशन कोर्ट में पेश किया गया।
उल्लेखनीय है कि गुरूवार को आसाराम मामले में आरोपी सेवादार शिवा व गुरूकुल हॉस्टल की वार्डन शिल्पी उर्फ संचिता की जमानत अर्जी खारिज हो गई है। जिला एवं सत्र न्यायाधीश (जोधपुर जिला) मनोज कुमार व्यास ने बुधवार व गुरूवार को दो दिन चली सुनवाई के बाद शाम को उन्हें जमानत पर रिहा करने से इनकार कर दिया। कोर्ट ने साफ कहा कि आरोपियों के खिलाफ आरोप काफी गंभीर हैं और प्रकरण के अनुसंधान में जो तथ्य, सबूत और साक्ष्य सामने आए हैं, उनको देखते हुए फिलहाल आरोपियों को जमानत पर नहीं छोड़ा जा सकता।
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