आखिर "मंत्री" को देना पड़ा इस्तीफा 
जयपुर। अपने सरकारी आवास पर नौकरी का झांसा देकर महिला से दुष्कर्म करने के आरोप में फंसे राजस्थान के खादी और ग्रामोद्योग राज्य मंत्री बाबूलाल नागर ने इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को इस्तीफा सौंपा है।
नागर ने अपने निवास पर मीडिया को बताया कि मैंने अपना इस्तीफा मुख्यमंत्री को भिजवा दिया। मुख्यमंत्री ने अभी तक मेरा इस्तीफा स्वीकार नहीं किया है। उन्होंने कहा कि मैं अब सरकारी गाड़ी का इस्तेमाल नहीं कर रहा हूं।
जिम्मेदार पार्टी नेता होने कारण मैंने सोचा कि मुझे इस्तीफा दे देना चाहिए। उन्होंने कहा कि मैं बहुत ही साधारण व्यक्ति हूं तथा चौथी बार दूदू से चुनाव जीतने की स्थिति में हूं। मेरी तरक्की कुछ लोगों को पसंद नही आई इसीलिए मेरी राजनीति छवि खराब की जा रही है। मेरे खिलाफ षडयंत्र रचा गया है। 
गौरतलब है कि बुधवार को जयपुर से लेकर दिल्ली तक नागर प्रकरण की चर्चा रही। चूंकि मुख्यमंत्री इस मसले पर कह चुके हैं कि कानून अपना काम करेगा। दूसरी तरफ अब पार्टी के विधायकों ने भी नागर के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। हालांकि बुधवार को दिन भर यही कयास लगाए जाते रहे कि शाम तक नागर इस्तीफा दे सकते हैं या फिर उनसे इस्तीफा मांगा जा सकता है, लेकिन ऎसा नहीं हुआ। उधर, सीआईडी सीबी ने अपनी जांच शुरू कर दी है। 

पीडिता का कराया मेडिकल परीक्षण,जांच रिपोर्ट सील 
दुष्कर्म पीडिता को गुरूवार दोपहर सवा बारह बजे सीआईडीसीबी की टीम एसएमएस अस्पताल लेकर पहुंची। उसे परीक्षण के लिए मेडिकल बोर्ड ज्यूरी कक्ष में भेजा गया। ढाई बजे मेडिकल व फोरेंसिक परीक्षण के बाद गांधीनगर एसीपी की निगरानी में कड़े सुरक्षा घेरे में पीडिता को बाहर निकाला गया। मटमैले रंग के दुपट्टे से चेहरा ढंके पीडिता को घेरे सादी वर्दी में महिला कांस्टेबल के बाद पुलिस जवानों का कड़ा घेरा था। 

भीड़ के कारण गफलत में पुलिस उसे बाहर निकालने के बजाय दूसरे रास्ते से भीतर ले जाने लगी। दरवाजा दूसरी तरफ होने का आभास होने पर वापस हुई और पुलिस की कैब तक पीडिता को पहुंचाकर तेजी से रवाना किया। गौरतलब है कि पुलिस ने बुधवार रात को पीडिता को साथ ले जाकर बाबूलाल नागर के घर पर तलाशी ली थी। पीडिता के घटना के दौरान पहने हुए कपड़े सील कर उनको भी जांच के लिए भेजा है।

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