राजदार शिल्पी ने किया समर्पण
जोधपुर।
यौन दुराचार के मामले में जेल की हवा खा रहे आसाराम की राजदार और छिंदवाड़ा गुरूकुल की वार्डन शिल्पी ने बुधवार को जोधपुर जिला एवं सत्र न्यायालय में सरेंडर कर दिया। शिल्पी के सरेंडर के बाद अब आसाराम मामले से बड़ा पर्दा उठने की उम्मीदें लगाई जा रही हैं।
शिल्पी उर्फ संचिता गुप्ता ने गिरफ्तारी से बचने के लिए हाईकोर्ट में अग्रिम जमानत की अर्जी लगाई थी। बुधवार को हाईकोर्ट की न्यायाधीश निर्मलजीत कौर के समक्ष शिल्पी की अग्रिम जमानत अर्जी पर सुनवाई हुई और दोनों पक्षों को सुनने के बाद न्यायालय ने जमानत अर्जी खारिज कर दी। इसके बाद उसने जोधपुर जिला एवं सत्र न्यायालय(ग्रामीण) में सरेंडर कर दिया। इसके बाद शिल्पी ने जिला एवं सत्र न्यायालय में सरेंडर कर दिया।
उल्लेखनीय है कि नाबालिग से आश्रम की कुटिया में दुष्कर्म के मामले में आसाराम सहित सभी पांचों आरोपी अब पुलिस की गिरफ्त में आ चुके हैं। शिल्पी को पुलिस मामले की छानबीन में अहम कड़ी मान रही है और अब शिल्पी से पूछताछ के बाद आसाराम के राज बेपर्दा होने की उम्मीद है। पुलिस हिरासत में अदालत में कागजी कार्यवाही करने के बाद उसे पुलिस अपने हिरासत में ले लेगी। जिला एवं सत्र न्यायालय में न्यायाधीश मनोज कुमार व्यास इस मामले की सुनवाई कर रहे है।
क्या है मामला ?
आसाराम पर जोधपुर के पास मणाई आश्रम में 15 अगस्त को नाबालिग लडकी का यौन शोषण करने का मामला है। इस संबंध में पीडिता के परिजनों ने 19 अगसत को दिल्ली में मामला दर्ज कराया। इसके बाद 21 अगसत को दिल्ली से एफआईआर जांच के लिए जोधपुर पुलिस के पास पहुंची। इसके बाद पुलिस ने जांच शरू की और 31 अगस्त की रात में इंदौर से आसाराम को गिरफ्तार कर लिया गया।
सभी सह-आरोपी गिरफ्त में
31 अगस्त को ही आसाराम के सेवादार शिवा उर्फ सवा ने भी पुलिस के समक्ष सरेंडर कर दिया था। मीडिया रिपोट्र्स के मुताबिक शिवा भी 200 करोड़ से अधिक संपत्ति का मालिक है। इसके बाद गरूकुल के संचालक शरद चंद्र एवं रसोइया प्रकाश ने अपनी अग्रिम जमानत अर्जी न्यायालय से वापस लेकर समर्पण किया था और दोनों अब पुलिस रिमांड पर चल रहे है तथा बापू एवं शिवा को न्यायिक अभिरक्षा में रखा गया है।
आखिर कौन हैं शिप्पी ?
पुलिस के मुताबिक शिल्पी उर्फ संचिता गुप्ता के पिता का नाम महेन्द्र गुप्ता है। मध्यप्रदेश के छिंदवाड़ा स्थित आसाराम आश्रम में हॉस्टल वार्डन के रूप में कार्यरत थी शिल्पी। गुरूकुल में दर्ज रिकॉर्ड के मुताबिक शिल्पी के घर का पता 35, मालश्री विहार, रायपुर (छत्तीसगढ़) लिखा है। शिल्पी पर आरोप है कि उसी ने पीडित नाबालिग को हॉस्टल से आसाराम की कुटिया तक पहुंचाया था।
शिल्पी करती थी लड़कियां सप्लाई
सूत्रों के मुताबिक छिंदवाड़ा स्थित गुरूकुल की वार्डन शिल्पी नियमित रूप से छात्राओं और महिलाओं को आसाराम के पास भेजती थी। शिल्पी के कई वर्षो से आसाराम की करीबी रही है। इससे ही खुश होकर उसे गुरूकुल की वॉर्डन बनाने के साथ ही अहमदाबाद और दिल्ली मे घर दिलवाया गया था। आसाराम का खास सेवक शिवा रात के समय उस कुटिया के बाहर चौकीदारी करता था,जिसमें आसाराम महिलाओं के साथ रहते थे।
0 comments:
एक टिप्पणी भेजें