‘बेटियां बनें ब्रांड एम्बेंसडर, अभियान को पहुंचाएं घर-घर’’

-पधारो म्हारी लाडो जागरूकता महाअभियान के तहत नवोदय विद्यालय पचपदरा में हुआ कार्यक्रम का आयोजन
बाडमेर। 
परिवार, समाज और देष आज बेटियों से ही चल रहा है और बेटियां बखूबी अपने माता-पिता का नाम रोषन कर रहीे हैं। हमारी बेटियां भी अब राष्ट्रस्तर पर परचम फहराने लगी हैं। यानी बेटियां बेटों से कम नहीं है, इसलिए सभी बेटियों को चािहए कि वे अधिकाधिक षिक्षित होकर समाज व परिवार का नाम रोषन करें। यही नहीं बेटियों को चाहिए कि वे बेटियों के इस अभियान की ब्र्रांड एम्बेंसडर बनकर अभियन के उद्देष्यों को घर-घर पहुंचाएं। ये विचार बुधवार को जिला प्रमुख मदनकौर ने व्यक्त किए, जो पचदपरा स्थित जवाहर नवोदय विद्यालय में विद्यार्थियों को संबोधित कर रही थीं। मौका था, पधारो म्हारी लाडो अभियान के तहत आयोजित जागरूकता कार्यक्रम का, जिसमें चैहटन पंचायत समिति प्रधान षमा बानो, बालोतरा पंचायत समिति प्रधान जमनादेवी, बालोतरा एसडीएम अयूब खान, विद्यालय के प्राचार्य डाॅ. महबूब अली, उपप्राचार्या उषा किरण, केयर्न अधिकारी सुंदरराज नायडू बतौर अतिथि मौजूद थे। इस दौरान पांच बेटियों श्रद्धा, मोहिनी, चंपा, प्रियांषी व प्रतिभा का केक काटकर जन्मदिन मनाया गया और उन्हें उपहार भेंट किए। वहीं छात्रा रूप कंवर ने बेटी के जन्म पर प्रतिकात्मक थाली बजाकर बेटियांे के जन्म पर थाली बजाने का संदेष दिया। 

विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए चैहटन प्रधान षमा बानो ने कहा कि नवोदय के विद्यार्थी होनहार हैं और वे जिले के कोने-कोने से आए हुए हैं। इसलिए यदि सभी विद्यार्थी सकारात्मक रवैया अपनाते हुए अभियान को घर-घर पहुंचाने की ठान लें तो अभियान के बेहतरीन नतीजे आ सकते हैं। उन्होंने कहा कि अभियान षुरू होने के बाद से अब तक आमजन में अच्छी जागरूकता आई है और अभियान यदि आगे चलता रहा तो बाडमेर में और अधिक जागरूकता आएगी। उन्होंने कहा कि बिना जागरूकता बेटे-बेटियों के भेदभाव को नहीं रोका जा सकता। एसडीएम अयूब खान ने युवाओं को प्रेरित करते हुए देष के प्रतिष्ठित प्रतिभाओं की जीवनी से रूबरू करवाया। उन्होंने कहा कि इदिरा गांधी, मदर टेरेसा, कृष्णा पूनिया, कल्पना चावला, सुनिता विलियम्स, नंदा कोचर, प्रतिभा पाटिल वो सख्सियतें हैं जो बेटियों के लिए प्रेरणा स्रोत हैं और हमारी बेटियों को इनसे प्रेरित होना चाहिए। बेटियों के गिरते लिंगानुपात पर चिंता जाहिर करते हुए विद्यालय के प्राचार्य डाॅ. महबूब अली ने कहा कि हम किस कदर समाज बेटियों के जन्म से भयभीत हैं और यह कहीं न कहीं हमारी नकारात्मक सोच का दर्षाता है। जबकि आज बेटियां दिन-ब-दिन तरक्की कर रही हैं, देष-दुनिया में मां-बाप का नाम रोषन कर रही हैं। इसलिए हमें बेटियों को बेटे से कमतर नहंी आंकना चाहिए। उपप्राचार्य उषा किरण ने कहा कि एक सृजनिका को समाप्त होना जिन सामाजिक विकृतियों को आपको सौंपेगा, उनमें से एक होगी ‘मानव संसाधनों की कमी’, जिसकी भरपाई के लिए कोई भी विज्ञान सक्षम नहीं होगा। बेटियां अभिषाप नहीं, वरदान हैं और बेटी सृष्टि का मूलाधार हैं। यही बेेटियां संस्कृति की संवाहक हैं और सभ्यता की पालनहार हैं। केयर्न अधिकारी सुदंर नायडू ने अभियान पर प्रकाष डालते हुए कहा कि 17 अक्टूबर 2012 से षुरू हुए इस अभियान के तहत अब ब्लाॅक स्तर पर कार्यक्रम करवाए जा रहे हैं और अब निरंतर रूप से विद्यालयों व महाविद्यालयों में भी कार्यक्रम आयोजित करवाए जाएंगे। उन्होंने कहा कि यदि युवा पीढ़ी इस अभियान को लेकर सजग हो तो निष्चित ही बेटियां कोख में कत्ल होने से बचेंगी और बेटे-बेटियांे का भेदभाव निष्चित ही समाप्त होगा। कार्यक्रम के दौरान हेल्पेज इंडिया के केदार षर्मा, स्माईल फाउंडेषन के मूलचंद खींची, जिला आईईसी समन्वयक विनोद बिष्नोई, नवोदय एल्यूमनी सुखराम प्रजापत, दिलीप गहलोत, बीडी चारण, डाॅ. भरत सहारण आदि मौजूद थे। मंच संचालन डाॅ. सुरेंद्रसिंह चैधरी ने किया। अतिथियों का धन्यवाद ज्ञापन नवोदय प्राचार्य ने किया। 

अब स्कूल-काॅलेजों में होगे कार्यक्रम 

केयर्न अधिकारी संुदर नायडू ने बताया कि पधारो म्हारी लाडो अभियान के तहत अब ब्लाॅक स्तर पर कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं। नवोदय विद्यालय में इस कार्यक्रम की षुरूआत के साथ ही अब जिले के अन्य विद्यालयों व महाविद्यालयों में कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। विद्यालयों में कार्यक्रम करने का मुख्य उद्देष्य ये हैं कि युवा टीम इस कार्यक्रम को घर-घर पहुंचाने का काम करेंगी ताकि आमजन अधिकाधिक जागरूक हो सकें। 

ये रहे विजेता

प्रष्नोत्तरी प्रतियोगिता के दौरान नवोदय विद्यालय के विद्यार्थियों ने बढ़-चढ़ कर भाग लिया। जिसमें महिमा, अचली, निकिता, कांता, नीतू, अनुराधा, चंद्रकांता, नोजी, ज्योति, किरण, रूकसाना, किर्ती, स्वेता, श्रुती, उर्मीला, अनुराधा कुमारी, कमलेष, ज्योति कुमारी, खींवरी, कोमल और तनसुख, विकास कुमार, चंपालाल, उमेंद्र, रतनलाल, बुद्धाराम, लक्ष्मीनारायण, देवाराम, उम्मेदाराम, मनोहरलाल, आकाष, राजेंद्र कुमार, प्रवीण, वासुदेव, प्रतापाराम, चैनाराम आदि छात्र-छात्राएं विजेता रहें। सभी विजेताओं को अतिथियों द्वारा पुरस्कृत किया गया। 

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