सरकार-कर्मचारी आमने-सामने 
जयपुर। 
सामूहिक अवकाश पर जाने वाले कर्मचारियों की सर्विस ब्रेक करने के राज्य सरकार के आदेश जारी करने से मंत्रालयिक कर्मचारी और सरकार आमने-सामने आ गए हैं। गुरूवार को कर्मचारियों ने सामूहिक अवकाश पर जाने का ऎलान किया था।
कार्मिक विभाग ने अनुपस्थित पाए जाने वाले कर्मचारियों की सर्विस बे्रक करने का आदेश दिया। अस्थाई कर्मचारियों के सामूहिक अवकाश में शामिल होने की सूचना अलग से मांगी गई है। कलक्टरों को कहा गया कि वे इससे निपटने के लिए कंट्रोल रूम बनाएं। विभागाध्यक्षों, संभागीय आयुक्तों, कलक्टरों, पुलिस अधीक्षकों से कर्मचारियों की हाजरी की सूचना रोज दोपहर तीन बजे तक मांगी गई है।
सूने रहे सरकारी दफ्तर 
राजधानी में कलक्ट्रेट, मिनी सचिवालय, स्वास्थ्य भवन, शिक्षा संकुल, निर्माण भवन, जलदाय, परिवहन आदि से जुड़े सभी विभागों में सामूहिक अवकाश का खासा असर देखा गया। कलक्ट्रेट में हड़ताल के चलते कामकाज ठप रहा। 
ये हैं मांगें...
ग्रेड-पे 2400, 2800, 3600 से बढ़ाकर क्रमश: 3600, 4200 और 4800 रूपए किया जाए।
मंत्रालयिक काडर में तीसरी पदोन्नति के पद को राजपत्रित किया जाए।
मंत्रालयिक काडर का पुनर्गठन।
सरकार का आदेश
कर्मचारी को अवकाश नहीं दिया जाए।
जलदाय और चिकित्सा विभाग के लिए कार्य योजना तैयार की जाए।
हाजिरी रजिस्टर दिन में दो बार चैक हो। 
अनुपस्थित रहने वाले अस्थाई कर्मचारियों की सेवा खत्म कर दी जाए।
कलक्टर और पुलिस अधीक्षक मुख्यालय पर रहें। 
करारा जवाब देंगे
राजस्थान राज्य मंत्रालयिक कर्मचारी संघर्ष समिति के सदस्य महेश व्यास, मनोज सक्सेना, रमेश चंद्र शर्मा और जहूर मोहम्मद का कहना है कि सरकार के सख्त रूख का करारा जवाब दिया जाएगा। गुरूवार से शुरू हुआ सामूहिक अवकाश तब तक जारी रहेगा, जब तक सरकार हमारी मांगें नहीं मानती।

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