'संसद पर हमले में सरकार का हाथ'
नई दिल्ली।
गृह मंत्रालय के एक पूर्व अधिकारी ने चौंकाने वाला खुलासा किया है। इस अधिकारी का कहना है कि इशरत जहां एनकाउंटर मामले की जांच कर रही सीबीआई-एसआईटी टीम के एक अधिकारी ने तब की सरकारों पर संसद और मुंबई हमले की साजिश रचने का आरोप लगाया था।
गृह मंत्रालय में अवर सचिव रहे आर.वी.एस मणि ने इशरत जहां एनकाउंटर केस को लेकर कोर्ट में हलफनामा दाखिल किया था। मणि का कहना है कि सीबीआई-एसआईटी टीम के सदस्य रहे सतीश वर्मा ने उन्हें बताया था कि आतंकवाद विरोधी कानून को मंजबूत करने के लिए ही संसद और मुंबई हमले की साजिश रची गई थी।
मणि ने वर्मा के हवाला से बताया कि 13 दिसंबर 2001 को संसद पर हमला हुआ और उसके बाद पोटा लागू किया गया। फिर 26 नवंबर 2008 के बाद हमला हुआ। इसके बाद यूएपीए कानून में संशोधन हुआ। मणि के मुताबिक वर्मा ने सरकार की ओर से साजिश रचने की बात 22 जून को गांधीनगर में उस वक्त कही थी जब वह सरकारी हलफनामे के बारे में उनसे बातचीत कर रहे थे।
गुजरात कैडर के आईपीएस अधिकारी वर्मा ने मणि के आरोपों पर कुछ भी कहने से इनकार कर दिया है। एक समाचार पत्र से बातचीत में वर्मा ने कहा कि मुझे नहीं पता क्या शिकायत है और किसने की है। न ही मेरी जानने में कोई दिलचस्पी है। ऎसे मामले में मैं मीडिया से बात नहीं कर सकता।
इशरत जहां एनकाउंटर केस की जांच करने वाली एसआईटी की टीम के हिस्सा रहे वर्मा का हाल ही में तबादला हुआ था। वह जूनागढ़ में पुलिस ट्रेनिंग कॉलेज के प्रिसिंपल बनाए गए हैं। बकौल मणि उन्होंने यह कहते हुए वर्मा के बयान का जवाब दिया था कि वह वही कह रहे हैं जो पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई कहती है।
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