वसुंधरा ने तीर्थों पर दर्शन कर मांगी मन्नतें 
बालोतरा।
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष व पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने शुक्रवार को सुराज संकल्प यात्रा के तहत जैन तीर्थ नाकोड़ा, माता राणी भटियाणी मंदिर जसोल, खेतेश्वर ब्रह्मधाम तीर्थ आसोतरा में दर्शन पूजन कर देश व प्रदेश में खुशहाली की कामना की। तीर्थ पर विराजित संत महात्माओं की चरण वंदना कर आशीर्वाद प्राप्त किया। नाकोड़ा से ब्रह्मधाम मार्ग में ग्रामीणों व पार्टी कार्यकर्ताओं ने वसुंधरा राजे का भावभीना स्वागत किया।
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष वसुंधरा राजे गुरूवार रात बालोतरा में जनसभा कर जैन तीर्थ नाकोड़ा पहुंची। रात्रि विश्राम उन्होंने तीर्थ पर किया। शुक्रवार सुबह साढ़े ग्यारह बजे गांव मेवानगर वासियों ने सामैया किया। श्रीमती राजकंवर सहित महिलाओ ने राजे को चुनड़ी ओढ़ाकर स्वागत किया।
इसके बाद वसुंधरा राजे ने जैन तीर्थ नाकोड़ा में मूलनायक भगवान पाश्र्वनाथ व अघिष्ठायक भैरवदेव की पूजा अर्चना की। तीर्थ की मुख्य पेडी पर तीर्थ ट्रस्ट अध्यक्ष अमृतलाल जैन सहित ट्रस्टियों ने चुनड़ी ओढ़ा व स्मृति चिह्न भेंट कर उनका बहुमान किया। यहां से वसंुधरा राजे के तिलवाड़ा फांटा पहुंचने पर भाजपा कार्यकर्ताओं व महिलाओं ने ढोल ढमाकों के साथ उनका स्वागत किया।
इसके बाद वसुंधरा राजे ने जसोल माता राणी भटियाणी मंदिर में दर्शन पूजन किया। राणी भटियाणी मंदिर ट्रस्ट अध्यक्ष किशनसिंह जसोल ने उनका स्वागत किया। इसके बाद श्री खेतेश्वर ब्रह्मधाम तीर्थ पहुंची। उन्होंने यहां ब्रह्माजी के मंदिर में विघि विधान से पूजा अर्चना कर व प्रसाद चढ़ाकर खुशहाली व चुनाव में सफलता की कामना की। तीर्थ गादीपति तुलसाराम महाराज की चरण वंदना कर उनसे आशीर्वाद प्राप्त किया।
इस अवसर पर न्यास की ओर से आयोजित स्वागत समारोह में न्यास वरिष्ठ उपाध्यक्ष मंगलसिंह राजपुरोहित, सुल्तानसिंह बावड़ी, महामंत्री भंवरसिंह कनाना, कोषाध्यक्ष विरधीचंद राजपुरोहित ने वसुंधरा राजे को चुनड़ी ओढ़ाई। इस अवसर पर पूर्व महामंत्री गिरधारीलाल, पूर्व महामंत्री मनफूलसिंह, न्यासी आसुसिंह इन्द्राणा, पूर्व उपाध्यक्ष वगतावरसिंह मांजीवाला, बाबूसिंह भलरों का बाड़ा, तगसिंह इन्द्राणा, कानसिंह बीसू, राज.के. पुरोहित, पूर्व मंत्री अमराराम चौधरी, नगर परिषद सभापति महेश बी. चौहान, भाजपा नगर अध्यक्ष मदनराज चौपड़ा, आहोर के पूर्व विधायक शंकरसिंह, ओटाराम भोपाजी, गो सेवा आयोग के पूर्व अध्यक्ष राजेन्द्रसिंह शिवतलाव मौजूद थे।

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