कांग्रेस में फूटे विवादों के बम 
जयपुर।
प्रदेश प्रभारी गुरूदास कामत की बैठक में मंगलवार को अलवर और जयपुर संभाग की बैठक के दौरान खासा हंगामा हुआ। नेताओं के हंगामें से परेशान कामत ने कहा कि टिकट तो बाद में तय होंगे,फिलहाल झगड़ो मत और काम करो। 
बैठक में अलवर क्षेत्र के प्रमुख नेताओं में केंद्रीय गृह राज्य मंत्री जितेन्द्र सिंह और राज्य के चिकित्सा मंत्री दुर्रू मिया शामिल नहीं हुए। वहीं,जयपुर शहर के करीब एक दर्जन प्रमुख नेता बैठक में भाग लेने के लिए मुख्यमंत्री निवास पर पहुंचे। बैठक से पहले शहर के कांग्रेसी नेताओं ने तबादले और महापौर की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाने के संकेत दिए। शहर कांग्रेस निगम के खराब प्रदर्शन पर सबसे ज्यादा खफा है।
जानकारी के अनुसार सबसे पहले अलवर संभाग के नेताओं को वार्ता के लिए बुलाया गया। बैठक में जिला प्रमुख साफिया जुबेर ने कहा कि जिलाध्यक्ष नेताओं के साथ समन्वय नहीं रखते हैं। 
जितेंद्र और दुर्रू मिया नदारद
अलवर संभाग की बैठक में विभिन्न स्तर के अधिकांश नेता पहुंचे, लेकिन जिले के प्रमुख नेता जितेंद्र सिंह और दुर्रू मिया ने इससे किनारा किया। बताया जा रहा है कि जितेंद्र सिंह सीमा के दौरे पर हैं। 

वहीं दुर्रू मिया अलवर से सीधा दिल्ली चले गए हैं। वहां से उनके आने की 
कोई सूचना नहीं है। कामत ने कहा कि लड़कर माहौल खराब मत करो, टिकट वितरण तो बाद में होगा, अभी सब लोग मिलकर काम करो। इससे चुनाव पर असर पड़ता है।

जयपुर से पहुंचे सभी नेता
अलवर संभाग के बाद जयपुर की बैठक शुरू हुई जिसमें सांसद महेश जोशी, मंत्री बृजकिशोर शर्मा, विधायक प्रताप सिंह खाचरियावास, महापौर ज्योति खंडेलवाल, राजीव अरोड़ा, शहर अध्यक्ष सलीम कागजी सहित एक दर्जन प्रमुख नेता और अन्य पदाधिकारी भाग लेने के लिए पहुंचे।

प्रचार के लिए विवाद 
बैठक में शामिल होने वाले जयपुर सांसद महेश जोशी ने न्यूÊा टुडे से कहा कि संगठन की बैठकों में हंगामा कर खुद का नाम छपवाने व पार्टी को बदनाम करने की साजिशें रची जा रही हैं। उन्होंने कहा कि विधायकों की सुनवाई हो रही है, लेकिन कुछ विधायक अपने व्यक्तिगत स्वार्थ में फंस कर विवाद खड़ा करते हैं।

मंत्री पूछते ही नहीं
सिविल लाइंस विधायक प्रताप सिंह खाचरियावास ने कहा है कि मंत्रियों ने क्षेत्रीय विधायक से बिना पूछे ही कर्मचारियों के तबादले कर दिए। मंत्री यह भूल बैठे हैं कि वे भी विधायक हैं। आज बैठक में मैं इस मामले को उठाऊंगा। किसी भी विधायक से पूछ लो, मंत्रियों ने सभी को दरकिनार कर अपनी मर्जी से तबादले किए हैं।

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