साध्वीवर्या प्रियरंजनाश्री के चातुर्मास प्रवेश पर उमड़ा जन सैलाब
बाड़मेर। 
राजस्थान की थार नगरी बाड़मेर की पावन धरा पर वसीमालाणी उद्धारिका, पाश्र्वमणि तीर्थ प्रेरिका, गणरत्ना साध्वी श्री सुलोचनाश्रीजी म.सा. एवं वर्धमान तपाराधिका साध्वी श्री सुलक्षणाश्रीजी म.सा. की विदुषि शिष्या प्रखर व्याख्यात्री साध्वी श्री प्रियरंजनाश्रीजी म.सा. आदि ठाणा 3 का भव्य चातुर्मास मंगल प्रवेश रविवार को भारी जन सैलाब की उपस्थिति में सम्पन्न हुआ।
खरतरगच्छ चातुर्मास कमेटी के अध्यक्ष मांगीलाल मालू एवं उपाध्यक्ष भूरचन्द संखलेचा ने संयुक्त बताया कि पूज्य साध्वीवर्या श्री प्रियरंजनाश्री का स्वागत सामैया जैन भोजनशाला, स्टेशन रोड़ पर हुआ। वहां पूज्या श्री द्वारा सामैया पर वासक्षेप डालकर मंगलाचरण सुनाकर शोभायात्रा का आगाज हुआ।
शोभायात्रा में शहर का सुप्रसिद्ध बैण्ड अपनी मधुर स्वर लहरियां बिखेरता हुआ आगे चल रहा था, पीछे ढोल पार्टी, बाद में सम्बोधि बालिका मण्डल, कुशल वाटिका बालिका मण्डल हाथों में बैनर लिये चल रहे थे। इसके बाद पुरूष वर्ग जयकारों के साथ आगे बढ़ रहे थे। इसके बाद साध्वीवर्या अपनी धवल सेना के साथ, इनके पीछे सिर पर मंगल कलश धारण किये महिलाएं, कुशल वाटिका महिला मण्डल, आदिनाथ सेवा संगीत मण्डल की महिलाओं के साथ अन्य महिलाऐं मंगल गीत गाती चल रही थी।
महामंत्री नेमीचन्द बोथरा ने बताया कि शोभायात्रा जैन भोजनशाला से गांधी चैक, चंदाप्रभु जिनालय दर्शन वंदन कर, सब्जी मण्डी, जवाहर चैक, लक्ष्मी बाजार, जैन न्याति नोहरा, प्रतापजी की प्रोल होती हुई चातुर्मास स्थल आराधना भवन पहुंचकर धर्मसभा में परिवर्तित हुई।
शोभायात्रा का जगह-जगह पर स्वागत द्वारों एवं चावल की गहुलियों से बधाकर स्वागत किया गया।शोभायात्रा एवं पूज्य साध्वीवर्या जैसे ही चातुर्मास स्थल आराधना भवन पहुंचे तो श्रद्धा का जन सैलाब पूज्या श्री का दर्शन एवं वंदन करने को उमड़ पड़ा। यहां पर संघ द्वारा गहुली कर स्वागत बधाया गया।
धर्मसभा में सर्वप्रथम दीप प्रज्जवलन किया गया। बाद में गुरू वंदन के साथ स्वागत समारोह का आयोजन किया गया। स्वागत में कुशल वाटिका बालिका मण्डल, सम्बोधि बालिका मण्डल, खुशबु कटारिया, कुशल विचक्षण धार्मिक पाठशाला, कुशल वाटिका महिला मण्डल, आदिनाथ महिला मण्डल आदि ने स्वागत गीत प्रस्तुत कर पूज्य श्री का स्वागत किया।
कार्यक्रम में पधारे अलवर के विधायक बनवारीलाल ने अपने उद्बोधन में कहा कि जहां गुरूओं का सानिध्य मिलता है एवं आशीर्वाद होता है तो जीवन में मुश्किल कभी नहीं आती है।बाड़मेर विधायक मेवाराम जैन ने अपने उद्बोधन में कहा कि चातुर्मास में चार महीने में पूज्य साध्वीवर्या के प्रवचनों का पूरा लाभ लेना है एवं प्रवचनों को हमारे जीवन में उतारकर जीवन को धन्य बनावें तभी हमारा जीवन सार्थक बनेगा।
नगर परिषद् सभापति उषा जैन ने कहा कि आज बाड़मेर की धरती के कण-कण में हर्षोल्लास एवं उमंग का माहौल है। क्योंकि आज से लगभग 28 वर्ष पूर्व बाड़मेर की धरती पर साध्वीवर्या ने संयम पथ अंगीकार किया था। मनुष्य को कुछ पाना है तो लक्ष्य निर्धारित करे तभी मंजिल प्राप्त होगी। जन्म लेना मृत्यु को पाना यह प्रकृति का नियम है। जन्म लेकर कुछ कर लेना ताकि आने वाले समय में लोग याद करें। इन चारों महीनों में धर्म, तप, जप की गंगा बहेगी। इसमें हमें बढ़-चढ़कर भाग लेना है और अपने जीवन को सफल बनाना है।
स्वागत भाषण में जैन श्री संघ अध्यक्ष नैनमल भंसाली, पूर्व अध्यक्ष रिखबदास मालू, बिलाड़ा दादावाड़ी अध्यक्ष भूरचन्द जीरावाला, अमृतलाल कटारिया आदि ने भी अपने उद्गार व्यक्त किये।
इससे पूर्व सभी अतिथियों का तिलक, माला, श्रीफल, शाॅल व साफा से खरतरगच्छ संघ की ओर से बहुमान किया गया।
साध्वी प्रियरंजनाश्री ने अपने उद्बोधन में कहा कि आज का पावन प्रसंग आया है। आज शहर का वातावरण हर्षोल्लास एवं उमंग से रंगा हुआ है। संत नहीं मिले तो जीवन नहीं चलता है। आज अहिंसा की जगह हिंसा हो रही है। हमारे जीवन में अहिंसा, दया, धर्म की भावना आनी चाहिये। अवगुणों से सद्गुणों की ओर, अंधकार से प्रकाश की ओर जाना है। उत्साद, उदारता, उपासना, उपदेश, अनुमोदना से सद्कार्यों की करनी चाहिये। अगर मनुष्य का मन मजबूत हो तो उसकी किस्मत स्वयं की मुट्ठी में है। कर्म ही मनुष्य का कल्प वृक्ष है। जो कर्म करते हैं वो भाग्य में मिलते हैं। ईश्वर उन्हीं का साथ देता है। इसलिए हम खुद को दीन हीन न मानकर पुरूषार्थ करें, मन को कभी पंगु नहीं बनने दें, शरीर भले ही कमजोर हो तो चलेगा, व्यक्ति उसी दिन हारता है जिस दिन उसका मन कमजोर हो जाता है। जब तक मन मजबूत नहीं होगा तब तक सम्यक् दर्शन, सम्यक् चरित्र, सम्यक् ज्ञान नहीं मिलेगा।
साध्वीवर्या अभ्युदयाश्री, विनीतयक्षाश्री ने भी धर्मसभा को सम्बोधित किया। साध्वी नंदीक्षेणा ने कहा कि चातुर्मास का अर्थ चरित्र की साधना, तप की आराधना, मोह आदि का त्याग, संयम की पालना करना यही चातुर्मास है।
साध्वी दिव्यांजना, साध्वी शुभांजना ने कहा कि बारह महीनों में यह चार महीने संसार के कार्यों से हटकर हैं। इन चार महीनों में हमें अपने जीवन को सुधारना है तभी जीवन सार्थक होगा।
इस अवसर पर बड़ौदा, बालोतरा, विशाला, चैहटन, नवसारी, गांधीधाम, बैंगलोर, धोरीमन्ना सहित कई जगहों से श्रद्धालु पधारे थे।
शोभायात्रा में बाड़मेर विधायक मेवाराम जैन, नगर परिषद् सभापति उषा जैन, नाकोड़ा ट्रस्ट अध्यक्ष अमृतलाल जैन, बिलाड़ा दादावाड़ी अध्यक्ष भूरचन्द जीरावाला, नाकोड़ा ट्रस्टी रतनलाल संखलेचा, लूणकरण सिंघवी, जेठमल जैन, मांगीलाल मालू, भूरचन्द संखलेचा, नेमीचन्द बोथरा, सोहनलाल बोथरा, बाबुलाल बोथरा, बंसराज वडेरा, बाबुलाल वडेरा, दुर्गादास सिंघवी, शंकरलाल धारीवाल, सोहन अरटी, हस्तीमल सिंघवी, जगदीश बोथरा, बाबुलाल तातेड़, ओमप्रकाश भंसाली, केवलचन्द संखलेचा, मगराज चैपड़ा, प्रकाश मालू, मानमल तातेड़, पारसमल धारीवाल, मोहनलाल मालू, मोहनलाल संखलेचा, सज्जनराज मेहता, भूरचन्द वडेरा, डाॅ. रणजीतमल मालू, केवलचन्द बोहरा, बाबुलाल संखलेचा, प्रकाश बोहरा, अशोक बोथरा, खेतमल तातेड़, नरेश लुणिया, रमेश मालू इत्यादि सैकड़ों की संख्या में श्रद्धालु उपस्थित थे।
अंत में खरतरगच्छ चातुर्मास कमेटी के अध्यक्ष मांगीलाल मालू ने आभार व्यक्त किया। मंच का सफल संचालन बाबुलाल छाजेड़ ने किया।

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