22 बच्चों की मौत पर बेशर्म राजनीति
पटना/सारण।
शाही ने कहा कि खाना तैयार करने वाली कुक ने तेल के बारे में उनसे शिकायत भी कि थी लेकिन उसे अनदेखा कर दिया गया। कुक ने बताया कि जैसे ही तेल कढ़ाई में डाला गया तो छोंक लगाते ही उसमें से धुआं उठा। बच्चों ने भी खाना खाते समय सब्जी का स्वाद खराब लगने की बात कही थी। शाही ने कहा कि सरकार ने मामले में तुरंत कदम उठाए। स्कूल प्रभारी को सस्पेंड कर दिया गया।
शाही ने इस मामले में साजिश की आशंका जताते हुए कहा कि अर्जुन राय की दुकान से ही सामान स्कूल में मिड डे मिल के लिए आते थे। स्कूल की कुक द्वारा खाना बनाने के पहले तेल में गड़बड़ी होने की शिकायत प्रधानाध्यापिका से की लेकिन इसे अनसुना कर दिया गया। प्रधानाध्यापिका ने जान बूझकर ऎसा किया ऎसा तत्काल दिख रहा है। पीके शाही ने कहा कि साजिश के तहत सरकार को बदनाम करने के लिए इस घटना को अंजाम दिया गया। दोषियों को हर हाल में कड़ी सजा दिलाई जाएगी। पुलिस जांच कर रही है कि यह कैसे हुआ।
शाही ने इस घटना पर सरकार का बचाव करते हुए कहा कि स्कूल प्रभारी का पति अर्जुन राय एक राजनीतिक पार्टी से ताल्लुक रखता है,प्रभारी का चचेरा भाई भी एक राजनीतिक पार्टी के सांसद का बॉडी गार्ड है। स्कूल प्रभारी को राजनीतिक दबाव में ही तबादला कर वहां लगाया गया था। उन्होंने राजद प्रभारी लालूप्रसाद का नाम लिए बगैर कहा कि उन्हें बताना चाहिए कि ये दोनों लोग किस पार्टी से जुड़े हुए हैं।
एफआईआर दर्ज,स्कूल प्रभारी आरोपी
घटना के एक प्राथमिकी मशरक थाने में दर्ज कराई गई जिसमें प्रधानाध्यापक को अभियुक्त बनाया गया है। 22 बच्चों की मौत के बाद हाहाकार मचा हुआ है। बच्चों के शवों को स्कूल के आगे मैदान में ही दफना दिया गया। 31 बच्चों को इलाज के लिए मंगलवार शाम पटना मेडिकल कॉलेज अस्पताल लाया गया था। यहां चार बच्चे मृत पाए गए। इलाज के दौरान एक बच्चे की मौत हो गई जबकि तीन अन्य बच्चे गंभीर बताए गए हैं।
पटना मेडिकल कॉलेज अस्पताल के शिशु वार्ड में चाक चौबंद व्यवस्था के बीच बच्चों का इलाज चल रहा है। पटना से फोरेंसिक साइंस लेबोरेटरी की टीम भी घटना की जांच के लिए मौके पर पहुंची। प्रथम दृष्टया ऑर्गेनिक फासफोरस नामक कीटनाशक दवा के चावल या सब्जी में मिले होने की बात कही जा रही है। इलाजरत कई बच्चों को ऑर्गेनिक फास्फोरस का एंटी डोज दिए जाने से काफी सुधार हुआ है।
विपक्ष ने और तेज किया हमला
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा मामले की जांच को आयुक्त और डीआईजी को जिमा सौंपने से विपक्ष और भी हमले तेज कर दिए। भाजपा और राजद नेताओं का आरोप है कि इतनी बड़ी घटना की जवाबदेही लेने वाला कोई नहीं। भाजपा नेता सुशील मोदी और नंद किशोर यादव ने कहा कि घटना में लापरवाही के लिए नीतीश सरकार को सत्ता में रहने का अधिकार नहीं। मुख्यमंत्री ने मुआवजा देकर जिम्मेवारी से मुंह मोड़ लिया। उन्हें अस्पताल जाकर पीडितों को देखने की जरूरत भी नहीं महसूस हुई। इधर राजद नेता लालू यादव ने भी नीतीश कुमार को जिम्मेवार बताया। राजद ने बीस जुलाई को छपरा में महाधरना का आयोजन किया है।
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