पचपदरा वाले बोले रिफाइनरी यहाँ लगाएं बायतु वाले बोले रिफाइनरी वहा लगी तो वन्य जीवों को खतरा

बालोतरा। 
city newsक्षेत्र में रिफाइनरी लगाने के लिए पर्याप्त मात्रा में सरकारी जमीन उपलब्ध है। यहां रिफाइनरी लगाकर हजारों जनों को बेघर होने से बचाया जा सकता है। इससे सरकार के करोड़ों रूपए की बचत होगी। पचपदरा रिफाइनरी लगाओ संघर्ष समिति के अध्यक्ष दौलतराम गोदारा ने शुक्रवार को पचपदरा में समिति की बैठक को संबोघित करते हुए यह बात कही। बैठक में पचपदरा क्षेत्र के गांवों से बड़ी संख्या में ग्रामीणों ने भाग लिया।
उन्होंने कहा कि सरकार प्रदेश व जिले के हित में पचपदरा क्षेत्र में रिफाइनरी लगाएं। इससे धन की बचत होने के साथ सरकारी जमीन का भी उपयोग होगा। समिति के उपाध्यक्ष मंगलाराम रेवाड़ा मैया ने कहा कि जिले में रिफाइनरी लगाने की घोषणा के बाद कार्य शुरू होने में देरी कसे विकास अवरूद्ध हो गया है। लीलाला क्षेत्र में रिफाइनरी लगाने से हजारों जने बेघर होंगे। सरकार को विस्थापन के नाम पर करोड़ो रूपए खर्च करने पड़ेंगे। महासचिव खीमसिंह राजपुरोहित मूंगड़ा, कोषाध्यक्ष पूनमाराम नागाणा, सचिव गणपत गोदारा, पूर्व सरपंच गोविंदराम खारवाल ने कहा कि एचपीसीएल टीम ने निरीक्षण में पचपदरा क्षेत्र की भूमि को रिफाइनरी लगाने के लिए प्रारंभिक रूप में उपयुक्त माना है।
मिट्टी जांच की रिपोर्ट भी सही आने की उम्मीद है। सरकार जनहित में पचपदरा क्षेत्र में रिफाइनरी लगाएं। सहसचिव थानाराम ग्वालनाडा ने बताया कि बैठक में माणक देवासी, डालूराम प्रजापत, जयप्रकाश खारवाल सहित आस-पास के दर्जनों गांवों से बड़ी संख्या में जनप्रतिनिघि व ग्रामीण मौजूद थे। क्षेत्र में रिफाइनरी लगाने की मांग को लेकर शनिवार सुबह समिति पदाघिकारी व ग्रामीण पचपदरा विधायक मदन प्रजापत से मुलाकात करेगे।

वन्य जीवों को खतरा
बायतु। 
लीलाला के लिए प्रस्तावित रिफाइनरी की जगह बदल कर सांभरा बेल्ट में करना न्यायोचित नहीं है क्योंकि इस क्षेत्र में वन्य जीव जन्तु व पशु पक्षियों की शरण स्थली है। यह मांग जीव जन्तु संरक्षण कमेटी ने मुख्यमंत्री को ज्ञापन भेजकर की है। कमेटी के संयोजक व वन्य जीव प्रेमी तेजाराम जाजड़ा ने बताया कि रिफाइनरी पहले प्रस्तावित स्थान लीलाला में ही लगाई जाए। बायतु पचपदरा विधानसभा क्षेत्र में सांभरा बेल्ट ही सबसे बड़ी ओरण गोचर जमीन है।
जहां पर इन मूक प्राणियों की निवास स्थली भी है। देश विदेश से आने वाली प्रवासी पक्षी कुरजां भी इस क्षेत्र में आती है। इसलिए पर्यावरण संतुलन के लिहाज से रिफाइनरी पहले से चिन्हित लीलाला में ही लगाई जाए ताकि पर्यावरण पर कोई कुप्रभाव नहीं पड़े तथा इन वन्य जीवों का अस्तित्व भी खतरे में नहीं पड़े।

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