कांग्रेस की जीत,भाजपा की करारी हार
कार्यकर्ताओं ने मनाया जश्न -
सुबह आठ बजे शुरू हुई मतगणना में 225 सदस्यों वाली विधानसभा में कांग्रेस 120 सीटों पर जीत दर्ज कराने में कामयाब रही और परिणाम आते ही कांग्रेस कार्यकर्ता पूरे कर्नाटक में जश्न मनाते नजर आए।
मनमोहन सिंह ने दिल्ली में कहा,""कांग्रेस की विजय भाजपा की विचारधारा के विपरीत आया नतीजा है। कर्नाटक के नतीजे ने यह साबित कर दिया है कि देश की जनता जानती है कि कौन क्या है तथा उन्होंने भाजपा की विचारधारा को नकार दिया है।"" कर्नाटक में 2008 में सत्ता में आई भाजपा को दक्षिण भारत में तेजी से आगे बढ़ने की आशा थी,लेकिन उसे करारी हार का सामना करना पड़ा है।
कांग्रेस 2004 तक अपने दम पर कर्नाटक की सत्ता पर काबिज रही है। उसके बाद फरवरी 2006 तक इसने जद (एस) के साथ सरकार चलाई। लेकिन इसके बाद सत्ता जद (एस) और भाजपा के हाथों चली गई थी। कर्नाटक में कांग्रेस की सरकार बनने की सम्भावना के बीच भाजपा ने हार स्वीकार कर ली है।
मुद्दों को नहीं उठा पाए: सदानंद
भाजपा नेता और पूर्व मुख्यमंत्री सदानंद गौड़ा ने कहा,""हम अपने मुद्दों को उठाने में नाकाम रहे। हम कर्नाटक में किए गए अपने विकास कार्यो के बारे में जनता को बताने में अक्षम रहे।"" भाजपा नेता राजीव प्रताप रूड़ी ने कहा,""हम बेहद बुरी तरह पराजित हुए। इसके पीछे कई वजहें रहीं। हम इसका आत्मविश्लेषण करेंगे।""
किसको कितनी सीटें मिली
कांग्रेस : 121
भाजपा : 40
जद एस : 40
केजेपी : 6
अन्य : 16
भाजपा ने तीन सीएम पेश किए -
कांग्रेस नेताओं ने चुटकी लेते हुए कहा कि भाजपा ने पिछले पांच सालों में जिस तरीके से यहां सरकार चलाई थी,उससे वे जीत की आस लगाए हुए थे। भाजपा ने अपने कार्यकाल में तीन मुख्यमंत्री पेश किए तथा सरकार पर भ्रष्टाचार के भी आरोप लगे।
इसके अलावा,2008 में अपने नेतृत्व में भाजपा को जीत दिलाने वाले बी. एस. येदियुरप्पा ने पार्टी से अलग हो कर कर्नाटक जनता पार्टी (केजेपी) का गठन कर लिया। केजेपी हालांकि, आठ सीट जीतने में ही कामयाब रही,लेकिन उसने भाजपा के वोट काटने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
अपनी भूमिका बखूबी निभाएंगे -
कर्नाटक में किंगमेकर बनने की आस रखने वाले जद (एस) नेता एच.डी. कुमारस्वामी मुख्य विपक्ष बनकर खुश हैं। पूर्व मुख्यमंत्री कुमारस्वामी ने कहा,""हमें कर्नाटक में मुख्य विपक्ष बनकर खुशी होगी। हम अपनी भूमिका अच्छे से निभाएंगे। कांग्रेस को हमारी मदद की जरूरत नहीं है। हमें पता है।""
इस बीच,समाजवादी पार्टी (सपा) ने भी राज्य में अपना खाता खोला है,तथा इसके उम्मीदवार नेचन्नापटना विधानसभा सीट पर जीत दर्ज कराई है। भाजपा द्वारा केंद्रीय मंत्रियों- अश्विनी कुमार और पवन कुमार बंसल- के इस्तीफा देने तक संसद की कार्यवाही न चलने देने की बात कहने के बीच यह जीत कांग्रेस के लिए मनोबल बढ़ाने जैसी है। कांग्रेस प्रवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा,""हमने जनता की वजह से जीत हासिल की और उन्होंने भाजपा को नकार दिया।""
भाजपा के कई नेताओं को हार का सामना करना पड़ा है,तथा पार्टी को ग्रामीण एवं शहरी दोनों इलाकों में जबरदस्त नुकसान हुआ है। कर्नाटक विधानसभा में 224 निर्वाचित तथा एक मनोनीत सदस्य संख्या है। एक विधानसभा क्षेत्र मेंभाजपा उम्मीदवार के निधन के बाद 223 सीटों पर ही मतदान कराया गया है।
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