सरबजीत पर जानलेवा हमला,आईसीयू में 
लाहौर/नई दिल्ली। 
पाकिस्तान में लाहौर की कोट लखपत जेल में भारतीय कैदी सरबजीत सिंह पर शुक्रवार को कुछ कैदियों ने प्राण घातक हमला कर दिया जिससे उसके सिर पर गंभीर चोटें आई हैं। सरबजीत का काफी खून बह गया है। वे डीप कोमा में हैं। उन्हें आईसीयू में रखा गया है। इससे पहले लहूलुहान सरबजीत को जेल में ही प्रारंभिक उपचार उपलब्ध कराया गया लेकिन बाद में उसे लाहौर के जिन्ना अस्पताल में भर्ती कराया गया। 
सरबजीत के वकील ओबैस शेख ने इस वारदात पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि इसके लिए जेल अधिकारी जिम्मेदार हैं। उन्होंने कहा कि इस हमले के गंभीर नतीजे होंगे। उन्होंने कहा कि हम ईश्वर से सरबजीत की प्राणरक्षा की प्रार्थना कर रहे हैं। इस बीत पाक सरकार ने इस मामले में जेल के 4 अधिकारियों को सस्पेंड कर दिया है।

हालत गंभीर,होश आया
उसे अस्पताल के सघन चिकित्सा कक्ष में रखा गया है जहां डाक्टरों ने उसकी हालत गंभीर बताई है और उसका आपरेशन किया। फिलहाल उसे वेंटिलेटर पर रखा गया है। आरंभिक सूचनाओं के अनुसार सरबजीत पर जेल में बंद पांच अन्य कैदियों ने दोपहर भोजन के दौरान हमला किया। उसके सिर पर ईट से हमला किया गया। उच्च सुरक्षा वाले कोट लखपत जेल में सरबजीत को पृथक बैरक में रखा गया था। दोपहर भोजन के दौरान उसकी कुछ अन्य कैदियों से कहासुनी हो गई जिसके बाद उस पर हमला किया गया। 

भारतीय उच्चायोग ने मांगी जानकारी
इस्लामाबाद स्थित भारतीय उच्चायोग ने इस घटना के बारे में पाकिस्तानी अधिकारियों से जानकारी मांगी है। नई दिल्ली में विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता सैयद अकबरूद्दीन के अनुसार भारतीय उच्चायोग के दो अधिकारी सरबजीत को कानूनी सहायता देने के लिए लाहौर रवाना हो गए हैं। 

इधर सरबजीत की बहन चिंतित
विदेश राज्यमंत्री प्रणीत कौर ने मीडिया को बताया कि सरबजीत की बहिन को पाकिस्तान जाने के लिए वीजा जारी करवाने पर अनुकूल रवैया अपनाया जाएगा। पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने कहा कि सरबजीत पर हमले की वारदात की जेल अधिकारी और गृह मंत्रालय संयुक्त रूप से जांच कर रहे हैं। सरबजीत की बहन दलजीत कौर ने भारत सरकार और पाकिस्तान के राष्ट्रपति आसफ अली जरदारी से उसके भाई की प्राण रक्षा की गुहार लगाई है। उन्होंने मीडिया को बताया कि वह कुछ दिन पूर्व जब सरबजीत से मिली थी तब उसने जेल में अपनी सुरक्षा को लेकर चिंता व्यक्त की थी।
फांसी की सजा सुनाई जा चुकी है
सरबजीत को जासूसी के आरोप में पाकिस्तान में फांसी की सजा सुनाई गई है। सरबजीत और उसके परिवार वालों का कहना है कि पहचान संबंधी भूल के कारण यह मामला बनाया गया है। भारत ने सरबजीत की रिहाई के लिए कूटनीतिक स्तर पर काफी प्रयास किए हैं।

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