दिल ,दिमाग और रूह और जिस्म को अपनी प्राथमिकताओं में जगह दें : अयोध्या प्रसाद गौड़
बाड़मेर
खुद की तलाश कीजिये कहीं खो गए हैं हम | खुद को नज़रंदाज़ करके न अपने परिवेश को दुरुस्त कर सकते हैं न खुद ही सुकून से रह पाते हैं ,इसलिए ज़रूरी हैकी हम अपने दिल ,दिमाग और रूह और जिस्म को भी अपनी प्राथमिकताओं में जगह दें| ओजस्वी संस्थान द्वारा आयोजित टीचर्स रेफ़्रेशर प्रोग्राम के अंतर्गत यह उदगार केयर्नइंडिया में डिप्टी जनरल मेनेजर कम्युनिकेशंस अयोध्या प्रसाद गौड़ ने व्यक्त किये | द मॉडर्न स्कूल में चल रहे इस दस दिवसीय कार्यक्रम के उद्घाटन सत्र में मुख्य अथिति के बतौर बोलते हुए गौड़ ने बेहद रोचक खेल के ज़रिये गौड़ ने सभी केजीवन की प्राथमिकताओं और सहयोगियों की सूची बनवाते हुए यह समझाया की हम खुद को हाशिये पर डाल देते हैं यह ठीक नहीं है | गौड़ ने कहा परिवार परिवेश और पढाईमें भी अपने योगदान को बढ़ने के लिए ज़रूरी है की हम अपनी सेहत और छोटी मोटीखुशियों के लिए भी जगह निकालें |
दूसरे सत्र में शिक्षा मनोविद श्रीमती गीतिका खन्ना ने दायें और बांये दिमाग के मिजाज़और उनकी अहमियत के बारे में विस्तार से बताया | श्रीमती खन्ना के मुताबिक ज़रूरी हैहम बच्चों के विश्लेषक बांये दिमाग के साथ उसके रचनात्मक दांये दिमाग से जुड़ींगतिविधियों पर भी ध्यान दें | जैसे ही एक कहानी में घोलकर एक विचार सामने आता हैया उससे जुड़ा कोई खेल बच्चा खेलता है तो वह सिद्धांत उसके दिलो दिमाग में पक्कीजगह बना लेता है | स्कूल प्रिसिपल श्रीमती नवनीत पचौरी ने कहा ऐसे आयोजन हमें निरंतर कुछ नया और बेहतर करने के लिए प्रेरित करते हैं और हमारे काम में एक नया जज्बा और लगन पैदा हो जाती है | कार्यक्रम में दिल्ली ,भोपाल ,जोधपुर व जयपुर तथा जैसलमेर के बाल मनोविज्ञानी ,शिक्षाविद ,कलाकार तथा समाजसेवी तथा बुद्धिजीवी भाग लेंगे | कार्यक्रम का संचालन श्रीमती अर्पिता श्रीवास्तव ने किया |
0 comments:
एक टिप्पणी भेजें