दिवाली के अवसर पर घर-प्रतिष्ठान में होगा लक्ष्मी का आह्वान 

जयपुर। 
दीप पर्व दीपावली मंगलवार को हर्षोल्लास से मनाया जाएगा। घरों, मंदिरों व प्रतिष्ठानों में शाम को लक्ष्मी पूजन होगा। तिथियों की घटत-बढ़त के कारण सात साल बाद दीपावली का महापर्व चतुर्दशी युक्त अमावस्या पर होगा। इस दिन प्रात: 7.14 बजे तक चतुर्दशी रहेगी। इसके बाद अमावस्या तिथि शुरू होगी। दीपदान के समय अमावस्या होने से दीपावली इसी दिन मनाई जाएगी। इससे पहले 1 नवम्बर 2005 को चतुर्दशी युक्त अमावस्या को दिवाली मनाई गई थी। तेईस वर्ष बाद 30 अक्टूबर 2035 को भी यही योग फिर से बनेगा। तीनों ही तिथियों पर संयोग से मंगलवार का ही दिन रहा।



सूर्य-शनि की युति व योग से खुशहाली
मंगलवार को शनि अपनी उच्च राशि तुला में भ्रमण करेंगे, वहीं सूर्य भी अपनी नीच राशि तुला में रहेंगे। इसलिए सूर्य-नीच भंग राज योग बनेगा। सूर्य व शनि की यह युति व योग लोगों में खुशहाली व उन्नतिदायक रहेगा। इस दिन सूर्योदय से अपराह्न 3 बजे तक स्वाति नक्षत्र का भी योग रहेगा।

सर्वश्रेष्ठ पूजन का समय 
शाम 5.53 से शाम 6.06 बजे तक प्रदोष काल स्थिर वृष लग्न तथा कुंभ का स्थिर नवांश रहेगा। इस समय में व्यापारिक प्रतिषान, औद्योगिक इकाई व घर के लिए लक्ष्मी पूजन श्रेष्ठ रहेगा।

ये रहेगा पूजन का मुहूर्त 
ज्योतिषाचार्य चंद्रमोहन दाधीच के अनुसार कार्तिक कृष्ण चतुर्दशी युक्त अमावस्या पर लक्ष्मी पूजन होगा। लक्ष्मी पूजन प्रदोष युक्त अमावस्या में स्थिर लग्न व स्थिर नवांश में किया जाना सर्वश्रेष्ष्ठ होता है।

गोवर्धन पूजा 
चौघडिए समय 
लाभ-अमृत प्रात: 6.50 से 
9.30 बजे 
शुभ प्रात:10.50 से दोपहर 
12.10 बजे तक 
लाभ शाम 4.10 से शाम 5.33 बजे तक

भैयादोज का मुहूर्त 
चौघडिए समय 
शुभ प्रात: 6.50 से प्रात: 
8.11 बजे तक 
लाभ-अमृत दोपहर 
12.11 से प्रात: 2.52 बजे

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