चांद देखकर किया 'प्रियतम' का दीदार 
बाड़मेर
नख से शिख तक शृंगार किए सुहागिनें, परंपरागत गीतों के बोल और पति के हाथ से जल पी करवा चौथ व्रत का विधिवत उद्यापन किया। कमोबेश ऐसे ही नजारे शुक्रवार को करवा चौथ पर शहर की हर छत पर दिखाई दिए। करवा चौथ को लेकर महिलाएं सुबह से ही उत्साहित नजर आई। व्रतधारी विवाहिताओं ने शाम को समूह में चौथ माता की कथा सुनी। चांद निकलने पर करवे से अघ्र्य देकर छलनी से चांद देखने के बाद अपने पिया का चेहरा देख व्रत खोला। 

जल्दी घर लौटे पति 
करवा चौथ होने से महिलाओं ने सुबह ही अपने पति को जल्दी घर लौटने का आग्रह किया। पति भी सांझ होने से पहले घर आए और पत्नी के साथ चांद का दीदार किया। 

चौथ माता का पूजन 
माहेश्वरी भवन में बाड़मेर माहेश्वरी महिला मंडल की ओर से करवा चौथ के अवसर पर महिलाओं ने सामूहिक रूप से चौथ माता का पूजन किया। सोलह शृंगार किए महिलाओं ने चंद्रोदय के बाद अखंड सौभाग्य व खुशहाली की कामना की। 

चांद देखने के प्रति उत्साह 
व्रतधारी महिलाओं के चेहरे पर निर्जल रहने के बावजूद उल्लास झलकता रहा। चांद नजर नहीं आने तक गली-मोहल्लों में चांद नजर आया क्या जैसे जुमले सुनाई दिए। कई महिलाएं चांद नजर आने से पहले परिजनों व पति के साथ मंदिरों में दर्शन करने गई। 




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