आदमखोर राजा कलंदर को हुई उम्र कैद 
इलाहाबाद। 
इलाहाबाद की एक अदालत ने पत्रकार धीरेंद्र सिंह की हत्या के दोषी राजा कलंदर और उसके साले बछराज को उम्र कैद की सजा सुनाई है। दोनों पर दस-दस हजार रूपए का जुर्माना भी लगाया गया है। करीब 12 साल बाद धीरेन्द्र के घर वालों को इंसाफ मिला है। एडिशनल डिस्ट्रिक्ट जज(दि्वीतीय)मेहताब अहमद ने दोनों को गुरूवार को हत्या और सबूत मिटाने का दोषी करार दिया था। 
बछराज और कलंदर को 18 दिसंबर 2000 को गिरफ्तार किया गया था। तब से दोनों जेल में ही थे। राजा कलंदर उर्फ राम निरंजन ने धीरेन्द्र सिंह की गला काटकर हत्या कर दी थी और शव के टुकड़े कर उन्हें जंगल और नदी में फेंक दिया था। 
धीरेन्द्र की हत्या के मामले की जांच करते हुए पुलिस 2000 में जिला पंचायत सदस्य फूलन देवी के घर पहुंची। जहां तलाशी में धीरेंद्र सिंह का सामान मिला। इनमें धीरेन्द्र की गाड़ी भी शामिल थी। तलाशी में कई नरमुंड भी मिले। इसके बाद राजा कलंदर ने गुनाह कबूल कर लिया। 
राजा कलंदर ने अपने घर में गाड़े गए 14 नरमुंडों का भी खुलासा किया। कलंदर ने धीरेंद्र को पिपरी फॉर्म हाउस में बुलाया। पीछे से उसके साले बछराज ने धीरेंद्र को गोली मार दी। धीरेंद्र की लाश को दोनों टाटा सूमो में लादकर मध्य प्रदेश ले गए। वहां एक खेत में शव के टुकड़े किए। सिर को पालिथीन में लपेटकर रीवां के बाणसागर तालाब में फेंक दिया। कलंदर ने धीरेंद्र की बाइक अपने समधी को और जूते साले को दे दिए।
सूत्रों के मुताबिक राजा कलंदर सनकी सीरियल किलर है। वो अपने दुश्मनों की गला काटकर बेरहमी से हत्या करता और उनके नरमुंड रख लेता था। इसी तरह उसने 14 हत्याएं की। दिमागी ताकत बढ़ाने के लिए वह इंसान के दिमाग को उबालकर उसका सूप पीता। लाश के हिस्से वो अपने फॉर्म हाउस में सुअरों के सामने फेंक देता। शिकार हुए लोगों की खोपडियों को वो फॉर्म हाउस के पेड़ पर टांग देता।
इन खोपडियों पर नाम लिखकर उन्हें रंगता था और फिर उन्हें सामने रख उनकी अदालत लगाता और उन्हें सजा सुनाता। पुलिस को राजा कलंदर से एक डायरी भी मिली थी,जिसे वो अदालती डायरी कहता था। इसमें उनके नाम दर्ज थे,जिनका वो कत्ल कर चुका था या करना चाहता था। पुलिस रिकॉर्ड के मुताबिक कलंदर हिस्ट्रीशीटर था लेकिन पहले वो सिर्फ लूटपाट जैसे मामलों में शामिल रहा था। 1998 में उसने पहली हत्या की और ये सिलसिला 2000 में पत्रकार धीरेंद्र की हत्या तक चला।

0 comments:

एक टिप्पणी भेजें

 
HAFTE KI BAAT © 2013-14. All Rights Reserved.
Top