क्यों न कटारिया की सीबीआई जांच हो 

नई दिल्ली/जयपुर
हाल ही में केंद्रीय ग्रामीण विकास राज्यमंत्री बने जयपुर (ग्रामीण) सांसद लालचंद कटारिया की दिक्कतें कम होती नहीं दिख रही। तकरीबन डेढ़ साल पहले कटारिया के नजदीकी बंसीधर जाट की हत्या के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकार से जवाब तलब किया है। कोर्ट ने राजस्थान सरकार से पूछा है कि जून 2011 में हुई इस हत्या के मामले की जांच क्या सीबीआई से नहीं करानी चाहिए थी। क्या यह सीबीआई जांच के लिए एक फिट केस नहीं था? 
बंशीधर जाट के पुत्र राजेन्द्र चौधरी ने आरोप लगाया है कि एफआईआर में जिन यूथ कांग्रेस के संदिग्ध आरोपियों के नाम हैं उन्हें कटारिया का संरक्षण प्राप्त है। उसने यह भी आरोप लगाया कि दिसंबर 2011 में कटारिया ने केस वापस लेने की धमकी देने के लिए कुछ बदमाश भी भेजे थे। 
कटारिया ने कहा राजनीतिक साजिश : लालचंद कटारिया का कहना है कि यह उनके राजनीतिक विरोधियों की साजिश है और सीआईडी की जांच में उन्हें क्लीन चिट मिल चुकी है। पिछले साल राजेन्द्र चौधरी ने मेरे खिलाफ एफआईआर लिखवाई थी, लेकिन सीआईडी जांच में वह झूठा केस साबित हुआ। 
राजेन्द्र चौधरी के मुताबिक हारकर उन्हें सुप्रीम कोर्ट में स्पेशल लीव पिटीशन दाखिल करनी पड़ी क्योंकि पुलिस मामले को दबाकर बैठ गई है। डेढ़ साल बीत जाने पर भी कोई गिरफ्तारी नहीं हुई। 



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