थैलेसिमिया स्क्रीनिंग के लिए आगे आएं : डॉ. शर्मा
बाड़मेर
थैलेसिमिया स्क्रीनिंग करवाने के लिए लोगों को आगे आना चाहिए। यदि दोनों ही माता-पिता वाहक हो और बच्चे में यह दशा हो तो इसके बहुत गंभीर परिणाम हो सकते हैं। यह बात जोधपुर एस.एन मेडिकल कॉलेज के वरिष्ठ डा. प्रमोद शर्मा ने इंडियन एकेडमिक ऑफ पीडियाट्रिक्स शाखा बाड़मेर व केयर्न एनर्जी के संयुक्त तत्वावधान में 'थैलेसिमिया स्क्रीनिंग' विषय पर आयोजित डाक्टर्स सीएमई कार्यक्रम के दौरान मुख्य वक्ता के रूप में केयर्न इंडिया के उद्यमिता सेंटर में कही। डॉ. प्रमोद शर्मा ने कहा कि सिकल सेल रोग व थैलेसिमिया मेजर गंभीर, वंशानुगत रक्त विकार हैं। ये हिमोग्लोबिन को प्रभावित करते हैं, जो रक्त का वह अंश होता है जो ऑक्सीजन को पूरे शरीर में पहुंचाता है।
आई एपी शाखा अध्यक्ष डॉ.आर के माहेश्वरी ने कहा कि थैलेसिमिया मेजर में पीडि़त लोगों को खून की अत्यधिक कमी से पीडि़त होते हैं। डॉ. रविन्द्र शर्मा ने कहा कि सिकल सेल व थैलेसिमिया वंशानुगत विकार है जो असामान्य हिमोग्लोबिन जीन्स के जरिए माता-पिता से बच्चों को मिलते हैं। ऐसे में लोगों को शादी करने से पूर्व स्क्रीनिंग की जांच करवा लेनी चाहिए। आई एपी शाखा बाड़मेर की ओर से मुख्य वक्ता डा. प्रमोद शर्मा साफा व मालाएं पहनाकर स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया गया। कार्यक्रम में निजी अस्पताल के डॉ. एस.आर भंडारी, डॉ. राजेन्द्र माहेश्वरी, डॉ. हरीश, महेन्द्र कुमार सहित कई डॉक्टरों ने शिरकत की।
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