शिवकर लिग्नाईट परियोजना के विरोध में धरने पर अपार जनसमुह उमड़ा
बाड़मेर
शिवकर लिग्नाईट परियोजना के लिए अवाप्त की जाने वाली भूमि की कार्यवाही में सरकार द्वारा की जा रही अनियमिताओं के चलते जन सुनवाई निरस्त किये जाने के लिए कलेक्ट्रेट के सामने चल रहा धरना तीसरे दिन भी जारी रहा। धरने में अलसुबह से ही पीडि़त किसानों ग्रामीण एवं आम जन का आना जारी था। गत मंगलवार को पीडि़त किसानों एंव उनके साथ आम लोगों ने लीगल मित्र संस्था के साथ बाड़मेर कलेक्टर को ज्ञापन देकर भूमि अवाप्ति के संबंध में बरती जा रही अनियमिताओं तथा अपारदर्षिता के लिए ज्ञापन सौपंकर आज होने वाली जन सुनवाई को निरस्त किये जाने के लिए ज्ञापन सौंपा था किन्तु प्रसाशन ने आश्वासन के बावजूद कोई कार्यवाही नहीं की। आज आरएसएमएमएल के कार्यालय में होने वाली जन सुनवाई के लिए पीडि़त किसान दिन में तीन बजे भूमि आवाप्ति अधिकारी के दफ्तर पहुचे किन्तु आज अधिकारी छुट्टी पर होने के कारण जन सुनवाई नहीं हो सकी। पीड़ित किसान अधिकारी नहीं होने के कारण नाराज थे बाद में किसानों ने लिखित आपति प्रस्तुत की। किसान सवरूप सिंह आगोर ने बताया की प्रशाशन गरीब किसानो की खिलाफत करने पर आमादा है, प्रशासन ने आज जन सुनवाई की तरीक तह कर रखी थी, किसान खेती का काम छोड़ कर सुनवाई के लिए आये लेकिन प्रशासन के अधिकारी छुट्टी पर चले गए है. बाद में पिधित किसानो ने आपतियों की फाईलों को काली पट्टीयों से बांधकर अपना विरोध प्रदर्षन कर लिखित आपतिया पेश की
शिवकर लिग्नाईट परियोजना की भूमि अवाप्त नहीं होगी- स्थानीय विधायक का आस्वासन
स्थानीय विधायक मेवाराम जैन के निजी सहायक ने धरना स्थल पर पहंुच कर ज्ञापन की प्रति प्राप्त की एंव लिगल मित्र के सचिव रितेष शर्मा से अवाप्ति के संबंध में होने वाली अनियमिताओं की जानकारी ली उनहोनें पीडि़त किसान छगनसिंह की स्थानिय विधायक से दूरभाष पर बात करवाई. विधायक जी ने बताया कि वह अपना निजी दौरा रद्द कर जयपुर पहंुच कर कल माननीय मुख्यमंत्री से मिलकर उक्त भूमि अवाप्ति को रद्द करवाने के प्रयास करेंगे। धरने पर अन्य दलों के स्थानीय नेताओं ने पहंुचकर अवाप्ति की निंदा कीं।
धरने पर मानसिंह कुड़ला, शिवसिंह आगौर, वगतावरसिंह, नारायणसिंह, दुर्जनसिंह, पदमसिंह, वीरसिंह, विशनसिंह, मेवसिंह, एड़वोकेट स्वरूपसिंह, तखत सिंह, अमिता चैधरी, मृदुरेखा चैधरी, मूलाराम वांभू, शंकरगोली, विक्रमसिंह शिवकर, रामलाल, लिछमणाराम, बिजाराम, बांकाराम, गेनाराम, एंव सैकड़ों किसान शामिल हुए।
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