संसद में एफडीआई पर मिलेगा समर्थन!
नई दिल्ली।
बीमा एवं पेंशन क्षेत्र में विदेशी निवेश को मंजूरी देने के केंद्र सरकार के निर्णय पर वामपंथी दलों के कड़े विरोध और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के अनिश्चित रूख के बाजवूद कांग्रेस ने शुक्रवार को उम्मीद जताई कि सरकार के ये निर्णय संसद में पारित हो जाएंगे।
राज्यसभा में संख्या बल नहीं होने के बारे में पूछे जाने पर अल्वी ने कहा कि वह गणित में नहीं जा रहे है। उन्होंने कहा कि हम अन्य राजनीतिक पार्टियों को आश्वस्त करने की पूरी कोशिश करेंगे।
वहीं, वामपंथी दलों ने सरकार के इस निर्णय का कड़ा विरोध किया है। मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि पेंशन फंड में विदेश निवेश की अनुमति देने के केंद्र सरकार के निर्णय से देश में लाखों कर्मचारियों की बचत खतरे में पड़ जाएगी। भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा) के नेता ए. बी. बर्धन ने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार बड़े व्यवसायियों तथा उद्योगपतियों के हित में काम कर रही है।
भाजपा ने हालांकि इस पर अनिश्चित रूख अपना रखा है। पार्टी का कहना है कि वह बीमा व पेंशन क्षेत्र में विदेशी निवेश के खिलाफ नहीं है, लेकिन लोगों के हितों की सुरक्षा के लिए कुछ और प्रावधान करने के पक्ष में है। पार्टी इस पर शुक्रवार को अपना रूख और अधिक स्पष्ट करने वाली है।
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