सरकार और प्रशासन ने चार दिनों से नहीं ली धरनार्थियों की सुध, ग्रामीणों में आक्रोश
बाड़मेर
धरने पर उपस्थित लीगल मित्र के सचिव रितेश शर्मा ने बताया कि ‘कंपनी ‘‘आर.एस.एम.एम.एल’’, किसानों द्वारा दर्ज करायी गई आपत्तियों का माकूल जवाब देने में असमर्थ रही है। कंपनी ने बाड़मेर क्षेत्र से लीज क्षेत्र 10 किलोमीटर दूर होना बताया है जबकि वास्तविकता में सम्पूर्ण अवाप्ति का इलाका हवाई दूरी में 5 किलोमीटर और सड़क से 8 किलोमीटर के अन्दर है।’ उन्होंने कहा ‘कंपनी ने अब तक पर्यावरण प्रभाव का आकलन तक नहीं करवाया है और हजारों लोगों को बेघर करने पर आमादा है।’ इस सम्भावना से इंकार नहीं किया जा सकता की ‘शिवकर लिग्नाइट परियोजना’ को उक्त परियोजना के लिए पर्यावरण की अनुमति ही न मिले। ऐसी स्थिति से बचने के लिए ही सरकार ने धारा चार की अधिसूचना में भूमि अवाप्ति के प्रयोजन को जनता से छिपाया है। पीडि़त किसान विक्रम सिंह शिवकर ने बताया ‘कंपनी ने अपने जवाब में लिखा है कि उसे उक्त जमीन की एक साथ आवश्यकता नहीं है और खनन कार्य भूमि के छोटे टुकड़ो पर किया जायेगा। ऐसी स्थिति में सम्पूर्ण भूमि को एक साथ अधिग्रहित किये जाने का क्या औचित्य है?’
मशहूर पत्रकार और पर्यावरणविद ब्रज खण्डे़लवाल ने मौके पर पहुँच कर लोगों को कोयले के खनन से होने वाले पर्यावरणीय प्रभाव और इंसानों एवं जानवरों पर होने वाले प्रभाव की जानकारी दी। ‘‘आर.एस.एम.एम.एल’’ ने भी किसानों की आपतियों के जवाब में माना है कि खनन से जहरीली गैसें पैदा होती है।
कांग्रेस के मनोनीत पार्षद पप सिंह, सुरेश जैन, मिश्रिमल व् भैरों सिंह फुलवरिया ने परियोजना का विरोध करते हुए सरकार से उक्त परियोजना को रद्द करने की मांग की और नगर परिषद चेयरमैन से बाड़मेर शहर में इतने नजदीक होने वाले खनन कार्य से होने वाले प्रभाव की जांच करने के लिए कमिटी गठित किए जाने की मांग की है।
धरने को शहर का समर्थन प्राप्त
कलेक्ट्रेट के सामने चल रहे इस अनोखे धरने को बाड़मेर शहर का पूरा समर्थन प्राप्त है। विक्रम सिंह तारातरा समेत बाड़मेर निवासी हठे सिंह, रतन सिंह, सांग सिंह लुनु, मुकेश सोनी, ईश्वर लाल सोनी, दीप सिंह, सवाई राम मेघवाल, अयूब खान, लाल सिंह कुरला और धरने पर उपस्थित अन्य शहर के लोगो ने एक आवाज में ‘शिवकर लिग्नाइट परियोजना’ के शहर एवं बाड़मेर के पर्यावरण पर बुरे प्रभाव को देखते हुए धरने पर अधिक से अधिक संख्या में पहुंचने की प्रार्थना की है।
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