विधायक ने कहा काम नहीं करे उन्हें सस्पेंड कर दो. 

बाड़मेर. 
21 नवंबर से आयोजित होने वाले प्रशासन शहरों े संग अभियान को लेकर बुधवार को नगर परिषद की साधारण सभा की बैठक दीनदयाल उपाध्याय सभा भवन में बैठक आयोजित हुई। बैठक की शुरूआत में परिषद आयुक्त बीएल सोनी ने प्रशासन शहरों े संग अभियान को लेकर विस्तृत जानकारी दी और वाडोर्ं में आयोजित होने वाले शिविरों े बारे में अवगत करवाया। प्रशासन शहरों े सग अभियान े दौरान होने वाले नियमन को लेकर प्रतिपक्ष ने आपित्त जताई और बताया कि डीएलसी की दरे कम है और नियमन की रेट ज्यादा, ऐसे में नियमन करना आमजनता े लिए किसी चुनौती से कम नहीं होगा। कृषि भूमि कनवर्जन को लेकर भी नियमन की दरे बहुत ज्यादा है। जिससे शहरवासियों े लिए नई आफत खड़ी हो जाएगी। इससे पूर्व प्रतिपक्ष ने पालिकाध्यक्ष, आयुक्त से सवाल करते हुए कहा कि जब गत बैठक में हर दो माह में परिषद की बैठक आयोजित को लेकर चर्चा की गई, लेकिन लेकिन अब तक ऐसा कुछ भी नहीं हुआ है। मीटिंगे नहीं हो रही है। 

भूमि अवाप्ति का मुद्दा भी उछला: प्रतिपक्ष नेता सुरेश मोदी ने बैठक में भूमि अवाप्ति े मुद्दे को भी बैठक में रखा और बताया कि शहर े आसपास का एरिया मास्टर प्लान में शामिल है, लेकिन सरकार इसे लिग्नाइट े नाम अवाप्त कर रही है, जिससे शहर का विकास अवरूद्ध हो जाएगा। बैठक में शहर े आसपास की भूमि को अवाप्ति से मुक्त रखा जाए। 

सफाई े मुददे पर हंगामा ही हंगामा: 

इसे बाद सफाई े मुद्दे को लेकर जैसे ही चर्चाए शुरू हुई तो हंगामा शुरू हो गया। पक्ष व प्रतिपक्ष की ओर से हंगामा करना शुरू कर दिया। पार्षदों ने आरोप लगाया कि किसी वार्ड में सफाई नहीं हो रही है, जगह-जगह कचरे े ढेर लगे हुए है। शहर में हॉस्टल, कॉलेज और स्कूलों े आगे तो कचरा पॉइंट बनाए गए है, बार-बार शिकायते होती है लेकिन सुनने को लेकर कोई तैयार नहीं है। कांग्रेस े पार्षदों ने भी इस दौरान हंगामा करते हुए विधायक मेवाराम जैन, पालिकाध्यक्ष उषा जैन को सफाई नहीं होने को लेकर ज्ञापन सौंपे और आक्रोश जताया। प्रतिपक्ष नेता मोदी ने सफाई कमेटी े अध्यक्ष से इस्तीफा देने की मांग की। साथ ही कहा कि सफाई मूलभूत सुविधाओं को एक अहम हिस्सा है, लेकिन परिषद शहर को साफ-सुथरा बनाने में विफल है। 

3 साल में नहीं सुधरे तो कब सुधरेंगे हालातः 

प्रतिपक्ष ने कहा कि 3 साल से शहर में एक ही हालात है तीन साल में नहीं सुधरी तो कब सुधरेगी। इस बीच पार्षद अपनी सीटों से खड़े हो गए और परिषद सभापति उषा जैन, विधायक मेवाराम जैन को घेर लिया और सफाई व्यवस्था सुदृढ़ करने को लेकर जमकर हंगामा किया। इस बीच कांग्रेस पार्षद शंकरसिंह, नवलाराम बाना सहित कई पार्षदों ने सफाई नहीं होने को लेकर नाराजगी जताई। 

विधायक जैन हुए आग बबूला: बैठक में एक बारगी विधायक आग बबूला हो गए और सभापति और आयुक्त को सफाई एसआई को तुरंत प्रभाव से सस्पेंड करने े निदेर्श दिए। उन्होंने कहा कि सब सफाई अधिकारी लापरवाह है, न तो वाडोर्ं में जाते है, बस जमादार ट्रैक्टरों से तेल निकाल बेच देते है और सफाई कर्मचारी मजे कर रहे है। इन सबे लिए जलीन हमे होना पड़ता है। साथ ही विधायक ने कहा कि हर रोज अखबारों में सफाई े मुद्दे को लेकर भरे हुए आ रहे है। ये लोग सुधरने वाले नहीं है, जो काम नहीं करता है उन्हें सस्पेंड कर दो। इस बीच जमादार को भी बुलाकर सफाई े मुद्दे को लेकर जानकारी ली। पार्षदों ने कहा कि सफाई कर्मचारी न तो वाडोर्ं में आते है और न ही सफाई होती है। 

11 दिन में सुधारों को व्यवस्था: 

विधायक मेवाराम जैन ने शहर की सफाई व्यवस्था को सुधारने े लिए हिदायत देते हुए आगामी 11 दिनों में शहर को साफ-सुथरा बनाने े लिए आयुक्त बीएल सोनी से जबाव मांगा। उन्होंने कहा कि अब 11 दिनों में क्या किया जाए ताकि शहर एकदम क्लिच चीट हो जाए। जिस पर चर्चाओं का दौर चला। इस बीच परिषद उपाध्यक्ष चैनसिंह भाटी ने भी कहा कि जमादार मानते नहीं है, जेसीबी आती है न तो अभी तक डम्पर आए और न ही सफाई कर्मचारी। अभियान े तौर पर सफाई कैसे करवाए। नगर परिषद की बुधवार को आयोजित हुई बैठक में जमकर हंगामा हुआ।इ बैठक में भवानीसिंह मामा, बलवीर माली, अशोक दर्जी, पंपसिंह महेचा, सुल्तानसिंह सहित कई पार्षद व नगर परिषद े कर्मचारी उपिस्थत थे।

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