श्रम सलाहकार बोर्ड के उपाध्यक्ष शिशुपाल सिंह अधिकारीगण ईच्छाशक्ति से कार्य कर बाल श्रम का उन्मूलन करें जैसलमेर में राष्ट्रीय बाल श्रम परियोजना के लिए प्रस्ताव भेजे 

जैसलमेर, 6 अक्टूबर/केन्द्रीय बाल श्रम सलाहकार बोर्ड के उपाध्यक्ष शिशुपालसिंह राजपुरोहित ने कहा कि जनप्रतिनिधियों एवं अधिकारियों को मिलजुल कर बाल श्रमिकों को श्रम कार्य से मुक्ति दिलवा कर उन्हें शिक्षा 
की मुख्य धारा से जोड़ कर सामाजिक सरोकार में अपनी अहम भूमिका अदा करें। केन्द्रीय बाल श्रम सलाहकार बोर्ड के अध्यक्ष शिशुपाल सिंह शनिवार को जैसलमेर में कलेक्ट्रेट सभागार में आयोजित बाल श्रम उन्मूलन की समीक्षा बैठक को सम्बोधित कर रहे थे। बैठक में जिला प्रमुख अब्दुला फकीर, नगर विकास न्यास के अध्यक्ष उम्मेदसिंह तंवर, अतिरिक्त जिला कलक्टर परशुराम धानका, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक रामसिंह , उपखण्ड अधिकारी रमेशचन्द जैन्थ, बाल कल्याण समिति के सदस्य अमीनकाँ, श्रीमती भगवती तँवर के साथ ही विभागीय अधिकारी एवं स्वयंसेवी संस्थाओं के पदाधिकारीगण उपस्थित थे। 

जिले को बाल श्रम मुक्त बनाएं 
केन्द्रीय श्रम सलाहकार बोर्ड के अध्यक्ष राजपुरोहित ने कहा कि बाल श्रम एक सामाजिक कलंक है जिसे हमें सबको मिलजुल कर उसे मिटाना है। उन्होंने प्रशासन के साथ ही श्रम विभाग के अधिकारियों, स्वयंसेवी संस्थाओं को निर्देश दिए कि वे पूर्ण ईच्छा शक्ति के साथ कार्य कर जिले को बाल श्रम रहित बनाना है। 

समाज में पैदा करें जन जागृति, योजनाओं की दें जानकारी 

उन्होंने कहा कि परिस्थितिवश अभिभावक अपने बच्चों को बाल श्रम के लिये भेजते हैं इसलिए हमें इस प्रकार से कार्य करना हैं कि अभिभावकों को अच्छा स्वरोजगार दिलवाने में सहयोग करें ताकि वे बच्चों से बाल श्रम कराए ही नहीं। उन्होंने कहा कि इसके लिये समाज में जन जागृति पैदा करें एवं बाल श्रमिकों के उत्थान के लिए जो योजनाए संचालित की जा रही है उसकी जानकारी प्रदान करें। 

बाल उन्मूलन के लिए विशेष कार्य करें अधिकारी 

राजपुरोहित ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे कम संसाधनों के बावजूद भी बाल उन्मूलन के क्षेत्रा में पूर्ण जिम्मेदारी से कार्य कर पुण्य का लाभ उठाएं। उन्होंने कहा कि सकारात्मक सौच के साथ इस क्षेत्रा में कार्य को अंजाम दिया तो विश्व पर्यटन मानचित्रा पर विख्यात जैसलमेर में एक भी बाल श्रमिक नहीं मिलेगा। 

राष्ट्रीय बाल श्रम परियोजना की दी जानकारी 

उन्होंने बताया कि भारत सरकार द्वारा राष्ट्रीय बाल श्रम परियोजना के क्षेत्रा में व्यापक रुप से कार्य किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि प्रदेश में 27 जिलों में राष्ट्रीय बाल श्रम परियोजना स्वीकृत है जिसमें से 9 जिलों में इस परियोजना के तहत विद्यालयों का संचालन किया जाकर 9 से 14 वर्ष आयु वर्ग के बाल श्रमिकों को जोखिमपूर्ण कार्य से मुक्त करवा कर नि:शुल्क शिक्षा एवं अन्य सुविधाएँ प्रदान की जा रही है। इसके साथ ही 18 जिलों में बाल श्रमिक सर्वे का कार्य चल रहा है जिसमें बाल श्रमिक चिन्हित होते ही इन जिलों में भी बाल श्रमिकों के लिए विद्यालयों का संचालन किया जाएगा। 

बाल श्रम निर्मित वस्तुओं का करें परित्याग 

उपाध्यक्ष राजपुरोहित ने कहा कि जिन वस्तुओं को बनाने में बाल श्रमिकों का उपयोग अधिक से अधिक हो उन धंधों को चिन्हित किया जाकर उनके द्वारा निर्मित वस्तुओं का तिरस्कृत किया जायें ताकि बाल श्रम उन्मूलन के क्षेत्रा में अच्छा कार्य हो सकें। उन्होंने बाल श्रमिेकों के उत्थान के लिये विशेष कार्य करने पर जोर दिया एवं कहा कि इसके लिए दानादाताओं एवं बड़ीबड़ी कंपनियों का भी सहयोग लिया जायें। 

प्रभावी करें मॉनेटरिंग 

उपाध्यक्ष राजपुरोहित ने श्रम विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे बाल श्रम रोकथाम के लिये होटलों, ाबों, इंट भट्टों, फैक्ट्रियों का प्रभावी रुप से निरीक्षण करें एवं जहां पर भी बाल श्रम करते हुए बाल श्रमिक पाए जायें तो ऐसे नियोजकों के विरुद्ध पुलिस में एफ.आई.आर. दर्ज करायी जायें। 

बाल श्रम रोकना एक सामाजिक दायित्व 
जिला प्रमुख अब्दुला फकीर ने कहा कि बाल श्रम को रोकना हमारा एक सामाजिक दायित्व हैं इसलिये हम सब को इस क्षेत्रा में विशेष कार्य करना हैं। उन्होंने कहा कि बाल श्रम उन्मूलन के लिये जो योजनाए संचालित है उसे व्यापक ंग से लागु की जायें। 

संस्थाओं को करें सहयोग 
नगर विकास न्यास के अध्यक्ष उम्मेदसिंह तंवर ने कहा कि जिले में बाल श्रम उन्मूलन के लिये कई संस्थाएँ भी कार्य रही हैं जिसे श्रम विभाग को पूरा सहयोग प्रदान करना है। उन्होंने ग्रामीण क्षेत्राों में भी बाल श्रमिकों के सर्वे करवाने पर विशेष जोर दिया एवं कहा कि ऐसे बच्चों को पुर्नवास के लिये तत्परता से कार्यवाही की जाएं। 

जिला प्रशासन के कार्यो की दी जानकारी 
अतिरिक्त जिला कलक्टर परशुराम धानका ने बैठक में जिला प्रशासन द्वारा जिले में बाल श्रम उन्मूलन एवं रोकथाम के लिए किए जा रहे कार्यो एवं गतिविधियों के बारे में विस्तार से जानकारी दी एवं बताया कि जिला कलक्टर की अध्यक्षता में बाल श्रम रोकथाम के लिए टॉस्कफोर्स का भी गठन किया गया है। 

श्रम विभाग कर रहा है कार्य 
श्रम अधिकारी जोधपुर पीतराम यादव ने बैठक में बताया कि जिले में बाल श्रम रोकथाम के लिये समयसमय पर श्रम विभाग द्वारा संस्थाओं का निरीक्षण किया जा रहा है। उन्होंने बाल श्रम के तहत दण्ड प्रावधानों की भी जानकारी दी। 
बैठक में सहायक निदेशक हिम्मतसिंह कविया ने बाल कल्याण के लिये संचालित किए जा रहे किशोर गृह एवं बाल कल्याण समिति की गतिविधियों के बारे में प्रकाश डाला। 

बैठक में मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. आनंदगोपाल पुरोहित, अतिरिक्त जिला शिक्षाधिकारी के.पी.िंसंह, देवकिशन चारण, उपनिदेशक, महिला एवं बाल विकास उम्मेदसिंह, आयुक्त नगरपरिषद रामकिशोर लोहिया तथा श्रम निरीक्षक एच.के.शर्मा ने भी बाल कल्याण के सम्बन्ध में की जा रही विभागीय गतिविधियों की जानकारी दी। 

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