'बीपीएल के लिए मुफ्त मकानों में शौचालय नहीं
नई दिल्ली।
केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री जयराम रमेश भले ही शौचालय को मंदिर से ज्यादा जरूरी मानते हों लेकिन उन्हीं की पार्टी कांग्रेस शासित राज्य राजस्थान की सरकार की ओर से गरीब तबके के लिए जो मकान बनाए गए है,उनमें शौचालय नहीं है। घर में शौचालय न होने से सबसे ज्यादा परेशानी महिलाओं खासकर लड़कियों को उठानी पड़ती है क्योंकि असुरक्षा के कारण वे दूरदराज सूनसान जगहों पर शौच के लिए अकेले नहीं जा सकतीं हैं।
राज्य सरकार और सावर्जनिक उपक्रम हाउसिंग एंड अरबन डेवलपमेंट कारपोरेशन (हुडको) की मदद से गरीबी रेखा से नीचे निवास करने वाले बीपीएल परिवारों के लिए 2011 से 2014 तक 6 लाख आठ हजार के लक्ष्य वाली मुफ्त आवास वाली योजना का दौरा करने गए दिल्ली के कुछ पत्रकारों ने जब मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का ध्यान इस खामी की ओर आकृ ष्ट किया तो उन्होने बताया कि इन मकानों में शौचालय बनाने के लिए पैसा संपूर्ण स्वच्छता कार्यक्रम योजना के तहत अलग से दिया जाएगा। इसलिए इन मकानों में शौचालय बाद में बनाए जाएंगे। बीपीएल परिवारों के लिए मुफ्त मकान की योजना के लिए रिण प्रदाता (हुडको) की राजस्थान इकाई के प्रमुख एन सी नाकरा ने बताया कि शौचालय बनाने से इन मकानों की लागत बढ़ जाती।
उन्होंने बताया कि प्रति मकान की लागत 70 हजार रूपए आ रही है जिसमें से राजस्थान सरकार 50 हजार रूपए हुडको से ऋण लेकर लाभार्थियों को मुफ्त दे रही है तथा शेष 20 हजार लाभार्थी अपनी ओर से लगा रहे हैं। उन्होने कहा कि इनमें से कई परिवार भूमिहीन हैं। सरकार मकान बनाने के लिए उन्हें 50 गज जमीन पट्टे पर मुफ्त दे रही है। अजमेर के जिला परिषद प्रमुख के एल मीणा का कहना था कि राजस्थान में पानी की कमी भी प्रथम चरण में शौचालय न बनने का मुख्य कारण है। बिना पर्याप्त पानी के शौचालय का कोई फायदा नहीं हैं।
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