चंद्रभान और खंडेला को मंच पर नहीं बिठाने पर सियासत तेज
जयपुर।
सोनिया गाधी के बाड़मेर दोरे को लोग भूले ही नहीं होगे यहाँ कार्यक्रम में कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष चंद्रभान और जाट नेतायो की अनदेखी से हर कोई परिचित है और ऐसा ही कुछ हुआ दूदू में, शनिवार को आधार की दूसरी वर्षगांठ पर सोनिया मनमोहन की सभा में मंच पर कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष चंद्रभान, केंद्रीय मंत्री महादेव सिंह खंडेला और खादी मंत्री बाबूलाल नागर को मंच पर जगह नहीं देने के मुद्दे पर सियासी माहौल गरमा गया है। भाजपा नेता दिगंबर सिंह के इसे जाट समाज का अपमान करार देने के बयान पर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष चंद्रभान ने पलटवार किया है। दौसा सांसद किरोड़ीलाल मीणा ने भी तीनों नेताओं को इस्तीफा देने की सलाह दी है।
भाजपा की सोच निम्न स्तर की, जाति के नाम पर राजनीति करते हैं ये लोग : गहलोत
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि दूदू में मंच से किसी भी पार्टी के खिलाफ एक शब्द नहीं बोला गया, यह राजनीतिक प्रोग्राम था ही नहीं। उसमें भी ये लोग जातिवाद की बात करते हैं, क्योंकि इनकी सोच बहुत ही निम्न स्तर की है, इसीलिए हम कहते हैं कि इनका लोकतंत्र में यकीन ही नहीं है। ये फासिस्ट लोग हैं, धर्म, जाति के नाम पर राजनीति करने वाले लोग हैं ये। जातियों को भड़काने का काम इनका है।
दिगंबर पहले भाजपा में खुद की हैसियत तो देखें : चंद्रभान
कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष चंद्रभान ने कहा कि दूदू का कार्यक्रम सरकारी था। जो डॉ. दिगंबर अपमान की बात कर रहे हैं वे पहले भाजपा में खुद की हैसियत तो देख लें। कांग्रेस ने पांच बार जाट को प्रदेशाध्यक्ष बनाया, जाट और वंचित वर्ग के ढेरों लोगों को मंत्री और अन्य अहम पद दिए। कांग्रेस 36 कौम की पार्टी है जबकि भाजपा में तो दो तीन जातियों के लोगों का ही वर्चस्व है।आज तक भाजपा ने इन जातियों से जुड़े लोगों को पार्टी में प्रदेशाध्यक्ष या कोई अहम पद दिया है क्या?
कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष का हुआ है अपमान, तीनों नेता इस्तीफा देकर आएं मेरे साथ : डॉ. किरोड़ी
दौसा सांसद डॉ. किरोड़ीलाल मीणा ने कहा कि दूदू की सभा में कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष चंद्रभान, जनजाति विकास मंत्री महादेव सिंह खंडेला और स्थानीय विधायक व खादी मंत्री बाबूलाल नागर को मंच पर जगह नहीं देकर उनका अपमान किया है। प्रदेशाध्यक्ष को मंच पर नहीं बैठाना पीसीसी चीफ की संस्था का अपमान किया है।
नागर स्थानीय विधायक होने के नाते मंच पर बैठने के हकदार थे लेकिन उन्हें दलित होने की वजह से मंच पर नहीं बैठाया। इससे यह साबित होता है कि ये लोग किसान विरोधी और दलित विरोधी हैं। तीनों नेताओं को इस अपमान से आहत होकर अपनी पार्टी से इस्तीफा देकर मेरे साथ आना चाहिए, उन्हें पूरा सम्मान मिलेगा।
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