प्रमुख शासन सचिव गुरजीत कोर ने जैसलमेर में ली बैठक

जैसलमेर, 
दुनिया भर में मशहूर जैसलमेर के सोनार दुर्ग की मौलिकता को बरकरार रखते हुए इसके संरक्षण के सभी उपायों को अमल में लाया जाएगा। इसके लिए सभी विभाग और संबंधित एजेंसियां मिलकर प्रभावी गतिविधियों को अंजाम देंगी। इसमें दुर्ग के मौलिक स्वरूप को अक्षुण्ण बनाये रखने के साथ ही इसे और अधिक आकर्षण प्रदान करने के लिए भरपूर प्रयास किए जाएंगे।
यह जानकारी साहित्य, कला एवं संस्कृति विभाग की प्रमुख शासन सचिव गुरजीत कोर की अध्यक्षता में जैसलमेर जिला कलक्ट्री सभा कक्ष में बुधवार को हुई बैठक में दी गई। दुर्ग संरक्षण विषय पर केन्दि्रत इस बैठक में जिला कलक्टर शुचि त्यागी, पुरातत्व एवं संग्रहालय विभाग के निदेशक हृदेशकुमार शर्मा, अतिरिक्त जिला कलक्टर परशुराम धानका,अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक गणपतलाल, नगर विकास न्यास के अध्यक्ष उम्मेदसिंह तँवर, नगर परिषद अध्यक्ष अशोकसिंह तँवर, उपखण्ड अधिकारी रमेशचन्द्र जैन्थ, यूआईटी सचिव आर.डी. बारठ, जैसलमेर विकास समिति के सचिव चन्द्रप्रकाश व्यास, नगर परिषद के आयुक्त रामकिशोर माहेश्वरी सहित विभिन्न विभागों के अधिकारी उपस्थित थे।
ऊपर के स्तर पर होंगे त्वरित प्रयास
प्रमुख शासन सचिव ने कहा कि किले में मकानों की मरम्मत के लिए भिजवाए गए प्रस्तावों तथा किले के संरक्षण से संबंधित सभी बिन्दुओं पर नई दिल्ली एवं जयपुर के स्तर पर जो भी कार्यवाही वांछित होगी, उसके गंभीर प्रयास किए जाएंगे।
सोनार दुर्ग के लिए धन की कमी नहीं
उन्होंने कहा सोनार दुर्ग संरक्षण के लिए धन की कहीं कोई कमी नहीं आने दी जाएगी। जितनी जरूरत होगी उतनी वित्तीय मदद मुहैया कराई जाएगी। उन्होंने कहा कि सोनार दुर्ग संरक्षण के लिए अब गंभीरतापूर्वक एवं चरणबद्ध प्रयासों की जरूरत है ताकि इन कार्यों में उत्तरोत्तर प्रगति का आकलन किया जा सके।

मिल-जुल कर करें दुर्ग संरक्षण के प्रयास
प्रमुख शासन सचिव गुरजीत कोर ने आर्कियोलोजिकल सर्वे ऑफ इण्डिया के अधिकारी से कहा कि वे विभागीय नियमों व पाबंदियों के बारे में लोकजागरण के लिए जैसलमेर में प्रमुख स्थलों पर बोर्ड लगाने के साथ ही यूआईटी एवं नगर परिषद की बैठकों में पहुंचकर जानकारी दें।

संवाद बनाए रखें
प्रमुख शासन सचिव ने सभी विभागों के अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे सोनार दुर्ग के संरक्षण से संबंधित सभी गतिविधियों को बेहतर तरीके से अंजाम देने के लिए मिलजुल कर प्रयास करें और पारस्परिक संवाद बनाए रखें।
सोनार के काम प्राथमिकता से कराएं
उन्होंने सोनार दुर्ग के संरक्षण से संबंधित कार्यों को प्राथमिकता बना कर शुरू करने, समयबद्ध ढंग से पूर्ण करने, मूल किले के भीतर तथा बाहरी परिक्षेत्र में उपयुक्त साफ-सफाई, दुर्ग से रिस रहे पानी को देखते हुए प्राथमिकता से चार चैम्बरों को पन्द्रह दिन में साफ कराने, पर्याप्त डस्ट बिन रखवाने, तकनीकि गुणवत्ता को सामने रखकर सारे काम करने,रामदेव मन्दिर से मुख्य प्रवेश द्वार तक तीन दिन में सफाई करने, सब्जीमण्डी को स्थानान्तरित करने के बारे में सभी वैकल्पिक स्थानों की सूचना सहित प्रस्ताव शीघ्र पेश करने के लिए नगर परिषद को निर्देश दिए और यह भी कहा कि दुर्ग की मोहरी की एक सप्ताह में सफाई की जानी चाहिए। यह जानकारी दी गई कि सोनार दुर्ग में सफाई पूरी होते ही फ्लड़ लाईटें आरंभ की जाएंगी।

डीएम शुचि त्यागी ने दी जानकारी
जिला कलक्टर शुचि त्यागी ने सोनार दुर्ग के संरक्षण के लिए जिला प्रशासन की पहल और इसके लिए किए जा रहे प्रयासों पर विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने सभी विभागों और संबंधित कार्यकारी एजेंसियों से कहा कि वे जैसलमेर के पर्यटन विकास, सोनार दुर्ग के संरक्षण आदि के लिए पूर्ण समर्पण एवं आत्मीय सहभागिता के साथ प्रयास करें।
दीर्घकालीन परिदृश्य के मद्देनज़र हों सारे काम
नगर विकास न्यास अध्यक्ष उम्मेदसिंह तँवर ने सोनार दुर्ग संरक्षण तथा जैसलमेर के पर्यटन विकास को लेकर महत्वपूर्ण सुझाव दिए और कहा कि सोनार दुर्ग के संरक्षण के लिए दीर्घकालीन आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए विकास गतिविधियों के संचालन पर जोर दिया जाना चाहिए।
सोनार संरक्षण में नगर परिषद की पूरी भागीदारी
नगर परिषद अध्यक्ष अशोकसिंह तँवर ने जैसलमेर शहर के विकास के साथ ही सोनार दुर्ग के संरक्षण में नगर परिषद की पूरी-पूरी सहभागिता का विश्वास दिलाया। उन्होंने बताया कि सोनार से बाहर आने को इच्छुक लोगों के लिए पर्याप्त भूमि उपलब्ध है।
जेवीएस को सौंपी जिम्मेदारी
जैसलमेर विकास समिति के सचिव चन्द्रप्रकाश व्यास ने किले की सफाई एवं सौन्दर्य निखार आदि के लिए परंपरागत तकनीकि खासियतों भरा विशेष प्रोजेक्ट सामने रखा जिसे मंजूर करते हुए कार्य आरंभ करने के निर्देश दिए गए।
जर्जर मकान गिराने में अनुमति जरूरी नहीं
एएसआई के अधिकारी ने जानकारी दी कि सोनार दुर्ग की परिधि में आने वाले जर्जर मकानों को उतारने या गिराने के लिए किसी भी प्रकार की अनुमति की जरूरत नहीं है।
बैठक में अमरसागर प्रोल व गोपा चौक विस्तार योजना, सोनार दुर्ग क्षेत्र व अन्य स्थलों पर सुविधालयों की जरूरत आदि पर भी चर्चा की गई।

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