राजस्थानी महज भाषा नहीं हमारी संस्कृति और पहचान हें..कविया 


बाड़मेर 
अखिल भारतीय राजस्थानी भाषा मान्यता संघर्ष समिति बाड़मेर के तत्वाधान में शुक्रवार को समिति के संस्थापक लक्ष्मण दान कविया की के मुख्य आतिथ्य और कवि कृष्ण कबीर की अध्यक्षता में कार्यसमिति की बैठक का आयोजन डाक बंगलो में किया गया ,बैठक में संभाग उप पाटवी चन्दन सिंह भाटी , इन्द्र प्रकाश पुरोहित ,रणवीर भादू ,रिड़मल सिंह दांता ,शेर सिंह भुरटिया महेश दादानी ,,पुरुषोतम अग्रवाल ,दीप सिंह रन्धा ,जिला सहसंयोजक नरेश देव सारण ,रघुवीर सिंह तामलोर ,रहमान जायादू विजय कुमार ,,अशोक सारला ,दुर्जन सिंह गुडीसर ,रमेश गौड़ ,दिनेश दवे ,आवड सिंह सोढा ,भोम सिंह बलाई ,विजय सिंह खारा ,दिनेशपाल सिंह लखा ,जीतेन्द्र फुलवारिया ,खान मोहम्मद ,सामाराम सारला ,सुरेश जांगिड ,तेजाराम हुड्डा सहित कई पदाधिकारी और कार्यकर्ता उपस्थित थे ,स्थानीय डाक बंगलो में राजस्थानी भाषा अभियान की समीक्षा बैठक आयोजित की गयी .इससे पूर्व राजस्थानी भाषा बाड़मेर समिति द्वारा समिति संस्थापक लक्ष्मण दान कविया का सम्मान किया गया .बैठक को संबोधित करते हुए लक्षमण दान कविया ने कहा की राजस्थानी भाषा को संवेधानिक मान्यता नहीं मिलाने का खामियाजा युवा वर्ग को भुगतना पद रहा हें उन्होंने कहा की राजस्थानी भाषा को राजनीति कारणों तथा बाहरी प्रान्तों के प्रभावशाली लोगो द्वारा सोची समझी रणनीति के तहत वंचित रखा जा रहा हें ,उन्होंने कहा की राजस्थानी भाषा का सम्रध इतिहास हें ,राजस्थानी महज भाषा नहीं हमारी संस्कृति और पहचान हें ,उन्होंने कहा की अपनी भाषा के आभाव में हम अपनी पहचान खोते जा रहे हें ,राजस्थानी के बिना राजस्थान की कल्पना बेमानी हें ,उन्होंने कहा की राजनेता वोट की भाषा समझते हें इस बार हम उन्हें उनकी भाषा में राजस्थानी का महत्त्व समझेंगे .उन्होंने कहा की अगला अभियान सुन ले नेता सगला डंके की चौत ,पेली भाषा पछे वोट की तर्ज पर चलेगा जिसमे जो नेता राजस्थानी भाषा के लिए आगे आएगा उन्हें ही समर्थन देंगे .बैठक को संबोधित करते हुए कृष्ण कबीर ने कहा की हिंदी साहित्य भी राजस्थानी भाषा के बिना अधूरा हें ,उन्होंने कहा की हिंदी साहित्य की संकल्पना राजस्थानी भाषा पर रची गई हें ,उन्होंने कहा की मीरा ,दादू ,चंदर बरदाई ,कन्हयालाल सेठिया को हिंदी साहित्य से निकाल ले तो हिंदी साहित्य सुन्या होगा ,इस अवसर पर समिति के जोधपुर संभाग के उप पाटवी न्दन सिंह भाटी ने कहा की भाषा के आभाव में हमारा समाज कई विक्रतियो के दौर से गुजर रहा हें ,उन्होंने कहा की एक मत से राजस्थानी भाषा को संवेधानिक मान्यता के लिए आवाज़ बुलंद करने की जरूरत हें ,बैठक को संबोधित करते हुए रणवीर भादू ने कहा की बाड़मेर से राजस्थानी भाषा को मान्यता के उठी आवाज़ संसद तक पहुंची हें ,इस अवसर पर महेश दादानी ने कहा की राजस्थानी भाषा कोमायद भाषा को संवेधानिक मान्यता मिलाने में राजनीति अडचने आ रही हें ,इस अवसर पर समिति के वरिष्ठ उपाध्यक्ष इन्दर प्रकाश पुरोहित ने कहा की ने कहा की राजस्थानी भाषा की अलख जगाने की मशाल जो बाड़मेर को पकडाई उसे जन जन तक पहुँचाने का पूरा प्रयास किया गया उन्होंने कहा की बाड़मेर में वाहनों पर राजस्थानी भाषा में स्लोगन ,ओखाने लिखने का अभियान शुरू किया जाएगा मोटियार परिषद् के जिला पाटवी रघुवीर सिंह तामलोर ने कहा की जैसलमेर में भी अभियान शुरू किया गया .उन्होंने अब तक राजस्थानी भाषा को लेकर चलाये अभियान की जानकारी दी .इस अवसर पर जिला पाटवी रीडमल सिंह दांता सहसंयोजक नरेश देव सारण ,शेर सिंह भुरटिया ,दीप सिंह रणधा ने राजस्थानी भाषा से युवा वर्ग के सक्रीय रूप से जुड़ने को उपलब्धि बताया . कार्यक्रम का सञ्चालन रघुवीर सिंह तामलोर ने किया

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