कौन बनेगा उपराष्ट्रपति,फैसला आज
नई दिल्ली।
उपराष्ट्रपति पद के लिए मंगलवार को होने वाले चुनाव में यूपीए उम्मीदवार हामिद अंसारी के एनडीए के उम्मीदवार जसवंत सिंह को हराकर दूसरी बार उपराष्ट्रपति बनना तय माना जा रहा है। लोकसभा और राज्यसभा के कुल 788 सांसद 14वें राष्ट्रपति का चयन करेंगे। चुनावी गणित के अनुसार यूपीए के प्रबंधकों को विश्वास है कि अंसारी (75) को कम से कम 500 वोट मिलेंगे। चुनाव के लिए मतदान सुबह 10 से शाम पांच बजे तक होगा।यह है यूपीए की संसद में उपस्थिति -
कांग्रेस - कांग्रेस के लोकसभा में 204 तथा राज्यसभा में 71 सांसद हैं।
तृणमूल कांग्रेस - टीएमसी के लोकसभा में 19, राज्यसभा में 9 सांसद हैं।
डीएमके - डीएमके के लोकसभा में 18 व राज्यसभा में सात सांसद हैं।
एनसीपी - एनसीपी के लोकसभा में नौ व राज्यसभा में सात सांसद हैं।
आरएलडी - आरएलडी के लोकसभा में पांच सांसद हैं।
नेशनल कॉन्फ्रेंस - नेकॉन के लोकसभा में तीन व राज्यसभा में दो सांसद हैं।
इसके अलावा यूपीए को बाहर से समर्थन दे रहे समाजवादी पार्टी (सपा) व बहुजन समाज पार्टी (बसपा) भी अंसारी का समर्थन कर रहे हैं।
समाजवादी पार्टी - सपा के लोकसभा में 22 व राज्यसभा में नौ सांसद हैं।
बहुजन समाज पार्टी - बसपा के लोकसभा में 21 व राज्यसभा में 15 सांसद हैं।
राष्ट्रपति चुनाव के विपरीत जिसमें एनडी बिखर गया था - जेडी (यू) और शिवसेना ने यूपीए के उम्मीदवार प्रणब मुखर्जी का समर्थन किया था - जसवंत सिंह को पूरे एनडीए का समर्थन है।
वहीं एडीए की दलीय स्थिति इस प्रकार है -
भाजपा - भाजपा के लोकसभा में 114 व राज्यसभा में 49 सांसद हैं।
जेडी (यू) - जेडी (यू) के लोकसभा में 20 और राज्यसभा में नौ सांसद हैं।
शिवसेना - शिवसेना के लोकसभा में 11 और राज्यसभा में चार सांसद हैं।
शिरोमणि अकाली दल - शिरोमणि अकाली दल के लोकसभा में चार तथा राज्यसभा में तीन सांसद हैं।
इसके अलावा अन्नाद्रमुक प्रमुख जे जयललिता ने भी सोमवार को जसवंत सिंह की उम्मीदवारी का समर्थन करने का ऎलान किया। अन्नाद्रमुक के संसद में 14 सांसद हैं। वहीं बीजेडी ने चुनाव में हिस्सा नहीं लेने का निर्णय किसा है। बीजेडी के लोकसभा में 18 तथा राज्यसभा में सात सांसद हैं।
चुनाव से पहले सोमवार को कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने एकजुटता प्रकट करने के लिए यूपीए के घटक दलों को भोज दिया। इसमें टीएमसी के सांसदों के साथ सरकार को बाहर से समर्थन कर रहे बसपा, सपा के अध्यक्ष भी शामिल हुए। बसपा अध्यक्ष मायावती और सपा अध्यक्ष मुलायम सिंह एक दूसरे के विरोधी हैं तथा पिछले कई सालों से दोनों एकसाथ ऎसे किसी कार्यक्रम में उपस्थित नहीं हुए हैं।
वहीं एआईसीसी के मुख्यालय में पार्टी महासचिव दिग्विजय सिंह ने कई सांसदों के साथ चुनाव प्रक्रिया को लेकर चर्चा की ताकि वोटिंग सही तरीके से हो और कोई भी वोट बेकार न जाए।
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