शिशु को दूध पिलाना मां का नैतिक दायित्व 
बाड़मेर
राजकीय अस्पताल में बुधवार को विश्व स्तनपान सप्ताह के तहत आयोजित 'जन चेतना अभियान रैली' निकाली गई। इस अवसर पर कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्य अतिथि कलेक्टर डॉ.वीणा प्रधान ने कहा कि शिशु के लिए मां का दूध सर्वशक्तिशाली व सर्वगुण संपन्न है। प्रत्येक माता को शिशु के जन्म होते ही एक घंटे के भीतर अपना दूध अवश्य पिलाना चाहिए। शिशु के जन्म से लेकर दो साल तक लगातार स्तनपान करवाने से बच्चे का सर्वांगीण विकास अन्य बच्चे की तुलना में बेहतर होगा। रैली को कलेक्टर ने हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। कार्यक्रम में कलेक्टर ने कहा कि शिशु को दूध पिलाना मां का नैतिक व सामाजिक दायित्व है। यदि प्रत्येक माता अपने शिशु को प्रथम एक घंटे में दूध पिलाना शुरू कर दें तो मातृत्व एवं शिशु मृत्यु दर पर अंकुश लग सकता है। 
इसके बाद नर्सिंग विद्यार्थियों की रैली अस्पताल परिसर से रवाना होती हुई किसान छात्रावास, अहिंसा चौराहा, स्टेशन रोड, आशापूर्णा टॉवर, नगर पालिका रोड होते हुए गांधी चौक पहुंची। नर्सिंग विद्यार्थियों के हाथों में स्तनपान के बैनर पर ' स्तनपान अमृत समान, मां का दूध सर्वोत्तम आहार, बोतल का दूध जहर समान इत्यादि प्रेरक संदेश लिखे थे। रैली के दौरान कलेक्टर, पीएमओ डॉ. माहेश्वरी सहित कई डॉक्टर्स रैली के साथ जनचेतना रैली में शिरकत कर मुख्य मार्गों से गुजरे। 
इस दौरान इंडियन एकेडमी ऑफ पीडियाट्रिक्स शाखा के जिलाध्यक्ष डॉ. आर के माहेश्वरी, डॉ. हरीश चौहान, डॉ. महेन्द्र कुमार चौधरी, केयर्न एनर्जी के डॉ. उमाशंकर बिहारी, शांति चौधरी, लॉयन्स क्लब मालाणी के सचिव डॉ. हुकमाराम सुथार, रीजन चेयरमैन लॉयन किरण मंगल, कैलाश कोटडिय़ा, संपतराज जैन, ममता मंगल, डॉ. हरीश जांगिड़, डॉ.घेवरचंद लखारा, शिवम अस्पताल के डॉ. अमित सोनगरा, डॉ. मदन शारदा, सेंटर के प्रिसिंपल मीर मोहम्मद, ट्यूटर गीत्तमा, मंगलाराम चौधरी, चैनाराम प्रजापत सहित कई स्वास्थ्य कर्मचारियों ने शिरकत की। 
नर्सिंग सेन्टर पर हुआ कार्यक्रम: 
विश्व स्तनपान सप्ताह के तहत नर्सिंग सेन्टर में मुख्य वक्ता प्रमुख चिकित्साधिकारी एवं वरिष्ठ शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ. आर के माहेश्वरी ने नर्सिंग विद्यार्थियों को स्तनपान के महत्व बताया। उन्होंने कहा कि आमजन में फैली स्तनपान संबंधी भ्रांतियों को दूर करने में अहम भूमिका निभानी होगी। उन्होंने कहा मां जब अपने बच्चे को स्तनपान कराती है तब उसे सुखद अनुभव का आभास होता है। मां मोटापे का शिकार नहीं होती तथा दो बच्चों के बीच अंतराल में भी मदद मिलती है। इस दौरान मां के रक्त स्राव में भी कमी आती है। कार्यक्रम का आयोजन इंडियन एकेडमिक ऑफ पीडियाट्रिक्स शाखा, केयर्न एनर्जी, लॉयन्स क्लब मालाणी व जनहित युवा संस्थान के सहयोग से किया गया। 

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