उपहारों को ले गई पूर्व राष्ट्रपति
अमरावती।
एक न्यूज चैनल के अनुसार पूर्व राष्ट्रपति के ओएसडी ने हालांकि स्पष्ट किया है कि 150 उपहार जो उन्हें बतौर राष्ट्रपति मिले थे उधार लिए गए हैं तथा राष्ट्रपति कार्यालय जब चाहे इन्हें वापिस ले सकता है।
वहीं संविधान विशेषज्ञ इसे परंपरा के खिलाफ मानते हैं। संविधान विशेषज्ञ सुभाष कश्यप के अनुसार राष्ट्रपति को मिले उपहार तोशाखाना में भेजे जाते हैं। यह उपहार देश व जनता की संपत्ति होते हैं। परंपरा के अनुसार राष्ट्रपति अपना कार्यकाल समाप्त होने पर इन्हें अपने साथ नहीं ले जाते। ऎसा पहली बार नहीं है कि राष्ट्रपति ने कोई विवाद खड़ा किया है। इससे पहले वे रिटायरमेंट के बाद पुणे में बननेवाले अपने घर के लिए रक्षा विभाग की जमीन पर कब्जा करने को लेकर विवादों में आई थीं। जनता के विरोध के बाद उन्होंने यह जमीन लौटा दी थी। अब उपहारों को ले जाने पर कई भवें तन गई हैं।
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