बाबा पर शिकंजा,टैक्स इवेशन की जांच शुरू
नई दिल्ली।
राजस्व विभाग ने योग गुरू बाबा रामदेव से जुड़े ट्रस्टों का अंतिम कर निर्घारण शुरू कर दिया है। कथित कर अपवंचना के आरोपों पर इनकम टैक्स विभाग ने इन ट्रस्टों की हाल ही जांच शुरू की थी।
वित्त मंत्रालय के आयकर व सेवाकर विभागों ने हाल ही इन ट्रस्टों को नोटिस जारी किए थे। सेंट्रल इकॉनोमिक इंटेलिजेंस ब्यूरो (सीईआईबी) तथा सेंट्रल एक्साइज इंटेलिजेंस (डीजी सीईआई) का महानिदेशालय रामदेव द्वारा संचालित इन ट्रस्टों की आयकर व सर्विस टैक्स देनदारियों की जांच कर रहा है।
रामदेव के ट्रस्टों की सेवा कर देनदारियों के बारे में जांच शुरू की गई है। शुरूआती जांच में कुछ व्यावसायिक गतिविधियों जैसे योग कैंपों में आने के लिए कूपन तथा पंतजलि योगपीठ द्वारा अपने उत्पाद (औषधीय उपयोग के लिए होने का दावा किए जाने वाले) बेचे जाने की जानकारी सामने आई है।
रामदेव के प्रवक्ता एसके तिजारावाला ने दावा किया कि ट्रस्टों को करों से छूट मिली हुई है क्यों कि ये चैरिटी के काम कर रहे हैं न कि व्यावसायिक कार्य। हम सभी जांच एजेंसियों को जांच में मदद करेंगे। हमारे पास छिपाने के लिए कुछ नहीं है।
मई में आयकर विभाग ने इन ट्रस्टों द्वारा बेची गई आयुर्वेदिक दवाओं पर 58 करोड़ के टैक्स का नोटिस भेजा था। वहीं सेवा कर विभाग ने रामदेव ट्रस्ट द्वारा चलाए जाने वाले योग शिविरों पर लगाए गए पांच करोड़ रूपए की मांग की थी।
काले धन के खिलाफ अभियान चलाने वाले रामदेव एक संस्था के अध्यक्ष हैं जो इन ट्रस्टो का संचालन करता है। यह संस्था भारत व विदेश में आयुर्वेदिक दवाओं के निर्माण व बिक्री की व्यवस्था करता है।
योग गुरू ने घोषित किया है कि उनका व्यापार साम्राज्य 1,100 करोड़ रूपए का है। बाबा चार ट्रस्ट चलाते हैं। दिव्य मंदिर ट्रस्ट की कुल पूंजी है 249.63 करोड़ रूपए, पंतजलि योग पीठ की कुल पूंजी है 164.80 करोड़ रूपए, भारत स्वाभिमान ट्रस्ट की पूंजी है 9.97 करोड़ रूपए और आचार्यकुल सिक्षा संस्थान की कुल पूंजी है 1.79 करोड़ रूपए जिनका कुल योग है 426.19 करोड़ रूपए।
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